पूर्णिया के श्रम अधीक्षक आलोक रंजन 55 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, सहयोगी मनोज कुमार भी अरेस्ट
By एस पी सिन्हा | Updated: July 9, 2021 20:13 IST2021-07-09T20:12:29+5:302021-07-09T20:13:29+5:30
निगरानी धावा दल ने श्रम अधीक्षक और उनके सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है. पीड़ित ने 55 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.

जाल बिछाकर श्रम अधीक्षक के साथ-साथ उनके सहयोगी मनोज कुमार को 55 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथों धर दबोचा.
पटनाः बिहार में पूर्णिया के श्रम अधीक्षक आलोक रंजन को रंगे हाथों रिश्वत लेते निगरानी टीम ने गिरफ्तार किया है.
निगरानी धावा दल ने श्रम अधीक्षक और उनके सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है. पीड़ित ने 55 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद जाल बिछाकर निगरानी की टीम ने दोनों को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया.
बताया जा रहा है कि विजय कुमार नामक व्यवसायी ने निगरानी विभाग को यह शिकायत की थी कि पूर्णिया के श्रम अधीक्षक कुमार आलोक रंजन द्वारा उनसे पुराने भुगतान को लेकर बतौर 55 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहे हैं. इस बात की शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग ने उन पर नजर रखनी शुरू कर दी.
निगरानी विभाग ने जाल बिछाकर श्रम अधीक्षक के साथ-साथ उनके सहयोगी मनोज कुमार को 55 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथों धर दबोचा. सहयोगी मनोज कुमार पैसे का लेनदेन करता था. गिरफ्तारी के बाद निगरानी ब्यूरो की टीम आगे की कार्रवाई में जुट गई है. निगरानी विभाग के डीएसपी अरुण पासवान ने बताया कि व्यवसायी विजय कुमार द्वारा एक आवेदन दिया गया था.
जिसमें पीडित ने इस बात का जिक्र किया कि जब वे अपने बकाया राशि एक लाख 99 हजार 500 रुपये को जमा करने के लिए जब श्रम विभाग के कार्यालय गए तो श्रम अधीक्षक ने कहा कि वह जाकर विभाग के कर्मी मनोज कुमार से मिले. पीड़ित व्यवसायी जब मनोज कुमार से मिलने गये तब बतौर 55 हजार रुपये घूस की मांग की गई. लेकिन घूस की यह रकम श्रम अधीक्षक को महंगी पड़ गई.