Pune Porsche Crash: कोर्ट में पुलिस के किशोर पर एडल्ट की तरह मुकदमा चलाने पर आरोपी के वकील ने क्या कहा, यहां जानिए..

By आकाश चौरसिया | Published: May 23, 2024 03:31 PM2024-05-23T15:31:21+5:302024-05-23T16:33:06+5:30

Pune Porsche Crash: एएनआई से बात करते हुए वकील ने कहा, पुलिस के द्वारा किए गए आवदेन को पूरा होने में करीब 90 दिनों का वक्त लगता है। अगर किसी किशोर या सीसीएल को गिरफ्तार किया जाता है।

Pune Porsche Crash Know here what accused's lawyer said when the police tried the teenager as an adult in the court | Pune Porsche Crash: कोर्ट में पुलिस के किशोर पर एडल्ट की तरह मुकदमा चलाने पर आरोपी के वकील ने क्या कहा, यहां जानिए..

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsमुख्य आरोपी 17 वर्षीय के किशोर को एडल्ट पेश करने पर पुलिस अडिगइसे लेकर कोर्ट में पेश किया आवेदन अब आरोपी के वकील ने ये कहा..

Pune Porsche Crash: पुणे में हुए सड़क हादसे में पोर्श कार से चला रहे 17 वर्षीय लड़केऔर केस में मुख्य आरोपी ने दो लोगों की हत्या की। अब घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद पुलिस आरोपी को व्यस्क साबित करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगने के लिए एक आवेदन दायर किया। इस मुद्दे पर आरोपी के वकील ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 90 साल लग सकते हैं।

आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल के अनुसार, किशोर न्याय अधिनियम (जेजेए) में यह निर्धारित करने की प्रक्रियाएं हैं कि कानून के साथ संघर्ष में आरोपी किशोर (सीसीएल) को नाबालिग या वयस्क माना जाता है।  

एएनआई से बात करते हुए वकील ने कहा, पुलिस के द्वारा किए गए आवदेन को पूरा होने में करीब 90 दिनों का वक्त लगता है। अगर किसी किशोर या सीसीएल को गिरफ्तार किया जाता है, तो जांच एजेंसियों को उसे वयस्क मानने के लिए गिरफ्तारी के 30 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करना होगा। आरोप पत्र दायर होने के बाद 2 महीने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें मनोवैज्ञानिक और सामाजिक मूल्यांकन के साथ-साथ नशामुक्ति परीक्षण भी शामिल होता है।

उन्होंने आगे कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, आरोपी अभियुक्त को पुनर्वास में रहने की आवश्यकता नहीं है। जारी जमानत को संशोधित करने के लिए जांच एजेंसियों के आवेदनों के जवाब में माननीय किशोर न्याय बोर्ड ने ऑपरेटिव आदेशों पर, कानून के उल्लंघन में बच्चे को 5 जून तक 14 दिनों के लिए पुनर्वास गृह में रखने का निर्देश दिया है। हमने विरोध किया है आवेदन शैक्षणिक विचारों और कानूनी बिंदुओं पर आधारित है। पाटिल की टिप्पणी तब आई जब किशोर न्याय बोर्ड ने बुधवार को किशोर की जमानत रद्द कर दी और उसे रिमांड होम भेज दिया।

यह हादसा शनिवार रात को पुणे की कल्याणी नगर क्षेत्र में हुआ, जहां 17 साल का लड़का पोर्श कार चला रहा था। वो इस दौरान 240 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल रहा था और वो अपना ध्यान खोने के बाद मोटरसाइकल से टकरा गया, इस दौरान दो इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोस्ता की मौके पर ही मौत हो गई। यह बात सामने आए सीसीटीवी फुटेज से पता चली, पुलिस ने बताया कि हादसे के वक्त नाबालिग लड़का पोर्शे को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला रहा था। 

पुलिस के अनुसार, लड़का अपने दोस्तों के साथ शनिवार रात को कक्षा 12वीं के आए रिजल्ट के उपरांत पार्टी कर रहा था। ग्रुप ने पहले रेस्टोरेंट में ड्रिंक ली और रात में ही ड्राइव किया। इसके बाद यह घटना घटी।

पुणे पुलिस ने इसमें आरोपी के पिता को मोटर व्हीकल एक्ट और किशोर न्याय अधिनियम में गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि पुलिस ने माना कि उन्होंने पिता होने के नाते अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की। पुलिस के अनुसार आरोपी के पिता ने अपने ड्राइवर को कहा कि जब भी उनका बेटे इसके लिए डिमांड करे तो उसे नई पोर्श कार की चाभी दे देना। हालांकि, पिता के वकील ने इससे इनकार किया, उन्होंने कहा कि कार की चाभी ड्राइवर को, न कि अपने बेटे को। इसके अलावा पुलिस ने नाबालिगों को शराब परोसने के आरोप में अलग-अलग बार के दो मालिकों को भी गिरफ्तार किया है.

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