Porsche crash case: नाबालिग चालक के रक्त के नमूनों को बदलने के लिए मां के खून का इस्तेमाल, फॉरेंसिक रिपोर्ट से पुष्टि
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 5, 2024 17:07 IST2024-06-05T17:01:44+5:302024-06-05T17:07:57+5:30
Porsche crash case: कल्याण नगर में 19 मई को तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर से बाइक सवार मध्यप्रदेश के रहने वाले दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी।

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Porsche crash case: पोर्श कार दुर्घटना केस में बड़ा खुलासा हुआ है। पुणे पुलिस ने अदालत को बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि नाबालिग चालक के रक्त के नमूनों को बदलने के लिए उसकी मां के खून का इस्तेमाल किया गया है। इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को अरेस्ट किया है। पुलिस ने नाबालिग के रक्त नमूनों की उसकी मां के रक्त नमूनों से कथित अदला-बदली के आरोप में नाबालिग के पिता, मां, दो डॉक्टरों और सरकारी ससून जनरल अस्पताल के एक अन्य कर्मचारी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
Porsche crash case: Forensic report confirms blood samples of teen driver's mother used as replacement, police tell Pune court
— Press Trust of India (@PTI_News) June 5, 2024
घटना से संबंधित मामले में नाबालिग के दादा को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कथित तौर पर बिचौलिए के रूप में काम करने और आरोपी डॉक्टरों और नाबालिग के पिता के बीच वित्तीय लेनदेन कराने के आरोप में मंगलवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुणे पुलिस ने बाल न्याय मंडल (जेजेबी) के समक्ष एक आवेदन दायर कर एक कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल 17 वर्षीय किशोर की हिरासत को 14 दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया गया है जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। एक अधिकारी ने जानकारी दी। पुणे के एक निगरानी गृह में बंद 17 वर्षीय लड़के की रिमांड बुधवार को समाप्त हो रही है।
पुणे अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, ''हमने जेजेबी के समक्ष एक आवेदन दायर कर पर्यवेक्षण गृह में उसकी हिरासत को 14 दिन के लिए बढ़ाने की मांग की है।'' पुणे पुलिस की याचिका पर जेजेबी के समक्ष बुधवार को सुनवाई होनी है। महाराष्ट्र के पुणे शहर के कल्याणी नगर में 19 मई को तड़के एक पोर्श कार की टक्कर लगने से दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी।
कार को कथित रूप से एक नाबालिग चला रहा था जो उस वक्त शराब के नशे में था। जेजेबी ने घटना के कुछ घंटे बाद एक रियल एस्टेट डेवलपर के नाबालिग बेटे को जमानत दे दी थी और उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहा था। कड़ी आलोचना के बाद, पुलिस ने फिर से जेजेबी से संपर्क किया, जिसने आदेश में संशोधन किया और आरोपी को 5 जून तक निगरानी केंद्र में भेज दिया।