ग्रेटर नोएडा में स्थित ओप्पो कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड की हत्या करने के मामले में सजा काट रहे आरोपी पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA रासुका ) लगा दिया है। ग्रेटर नोएडा में स्थित ओप्पो कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड की हत्या जनवरी 2019 में हुई थी। आरोपी अरुण पर आरोप है कि उसने बाकी आरोपियों के साथ मिलकर सिक्योरिटी गार्ड पर हमला किया था। नोएडा प्रशासन ने दावा किया है कि इस कदम से सार्वजनिक अव्यवस्था दूर होगी और विदेशी निवेश के लिए बेहतर माहौल बनेगा। इस हत्याकांड में आरोपी अरुण तीसरा शख्स है जिसपर रासुका के लगाया गया है। इससे पहले भी जिला प्रशासन इस हत्याकांड में 2 लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई कर चुका है।
जिला प्रशासन के मुताबिक जिला प्रशासन के द्वारा अब तक 10 लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जा चुकी है। रासुका को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून कहते है। यदि किसी व्यक्ति ने कोई ऐसा काम किया है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा होता है तो राज्य सरकार उस पर रासुका लगा कर जेल भेज देती है।
गौतमबुद्धनगर के डीएम बी एन सिंह ने कहा, ओप्पो ने 30,000 भारतीयों को रोजगार दिया है और 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इस यूनिट को नई ऑफिस निर्माण के लिए फंड मिलने वाले थे। ये फंड आरोपी चाहता था। हमारा मानना है कि अगर आरोपी सामने आता है, तो वह सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करेगा।
ओप्पो कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड की हत्या का पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा में ओप्पो कंपनी में 25 जनवरी 2019 को एक सिक्योरिटी गार्ड धीरज कुमार की सुंदर भाटी गैंग के गुर्गों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या को अंजाम देकर बदमाश हथियार लहराते हुए फरार हो गए थे। हत्या की वारदात के बाद ओप्पो कंपनी में काम कर रहे विदेशी स्टॉफ काफी डरे हुए थे। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुये पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
तीन आरोपियों पर रासुका लगाने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि बाकी बचे दो आरोपियों की जांच की जा रही है कि उनका आपराधिक इतिहास क्या है? इसके अलावा जेल में उनका व्यवहार किस तरीके का है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस हत्या में सुंदर भाटी का क्या रोल था? जेल में बैठकर उसने हत्या कराने की वारदात को कैसे अंजाम दिया था या नहीं।