नोएडा: 4 हजार की आबादी वाले गांव के इस घर में क्या पकाया जाता था, किसी को नहीं था मालूम...पुलिस की कार्रवाई के बाद चौंकाने वाला खुलासा, 9 गिरफ्तार
By विनीत कुमार | Published: May 18, 2023 08:20 AM2023-05-18T08:20:23+5:302023-05-18T08:30:16+5:30
नोएडा के एक गांव में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नशीला पदार्थ (एमडीएमए/ नारकोटिक्स/ मेथ) बनाने वाली 'फैक्टरी' का पर्दाफाश किया है। 9 अफ्रीकी मूल के नागरिक पकड़े गए है। यह सबकुछ एक घर में होता था।
नोएडा: जैतपुर-वैसपुर गांव में एक तीन मंजिला इमारत बुधवार से चर्चा में है। इस घर को लेकर गांव में पहले से कई तरह की बातें होती रहती थी, लेकिन सच क्या है, इसके बारे में खुलासा होने पर हर कोई हैरान है। घर में आधी रात के बाद भी लाइट्स जलते रहना, घर के बाहर से गुजरने पर अजीबोगरीब गंध आदि ऐसी बातें थी, जो हर किसी को सोचने पर मजबूर तो करती थीं लेकिन असल सच कोई नहीं जानता था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गांव के प्रिंस गौतम अक्सर इस घर के सामने से गुजरने पर एक अजीब गंध महसूस करते थे। उन्हें लगता था इसमें रहने वाले कुछ अलग तरह की मीट पका रहे हैं। ऐसे ही जय शर्मा ने गौर किया था कि इमारत में बत्तियां देर रात तक जलती रहती थीं। जय शर्मा को लगता था कि घर में रहने वाले अफ्रीकी हैं तो संभव है कि उनके सोने-जागने का समय कुछ अलग हो।
पुलिस ने 9 अफ्रीकी मूल के लोगों को किया गिरफ्तार
कुल मिलाकर 4 हजार की आबादी वाले इस गांव में घर को लेकर कोई विशेष जानकारी नहीं थी। खुलासा तब हुआ जब गौतम बुद्ध नगर जिले में पुलिस और स्वाट (विशेष हथियार एवं रणनीति) टीम ने बुधवार को नशीला पदार्थ (एमडीएमए/ नारकोटिक्स/ मेथ) बनाने वाली 'फैक्टरी' का पर्दाफाश करते हुए अफ्रीकी मूल के नौ लोगों को गिरफ्तार किया। नशीला पदार्थ बनाने का काम इसी घर में होता था।
पुलिस ने इनके पास से करीब 200 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ तथा 100 करोड़ रुपये मूल्य की नशीला पदार्थ बनाने की सामाग्री एवं उपकरण बरामद किए।
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने बताया कि एक सूचना के आधार पर स्वाट टीम और बीटा-2 की पुलिस ने अफ्रीकी मूल के नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि ये लोग ग्रेटर नोएडा में अवैध रूप से नारकोटिक्स / एमडीएमए / मेथ तथा भारी मात्रा में विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थ बनाते थे।
इनके पास से करीब 200 करोड़ रुपये मूल्य (46 Kg MDMA) का मादक पदार्थ तथा इसे बनाने में प्रयोग होने वाला रसायन, कच्चा माल उपकरण आदि बरामद हुआ है, जिससे करीब 100 करोड़ रुपये का नशीला पदार्थ बनाए जा सकता है। सिंह ने बताया कि आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है।
घर के लिए तीन गुना किराया देते थे आरोपी
जहां नशीला पदार्थ बनाने का काम होता था, उस घर के दोनों तरफ 100 मीटर तक कोई दूसरा घर नहीं है। गांव वाले बताते हैं कि इसमें रहने वाले अक्सर ब्लैक होंडा सिटी कार से घूमते थे। दिन भर ऐसा लगता था कि घर में सन्नाटा पसरा है लेकिन शाम होने के बाद इसमें चहलपहल बढ़ जाती थी। घर की खिड़कियों को ढक दिया गया था और इसमें लगे पर्दे हमेशा गिरे ही रहते थे।
गांव में रहने वाले जय शर्मा ने कहा कि ग्रामीण अक्सर किरायेदारों के रूप में विदेशियों को पसंद करते हैं क्योंकि वे मौजूदा किराए की राशि का लगभग तीन गुना भुगतान करते हैं। उन्होंने कहा, 'मान लीजिए, एक घर के लिए जिसका किराया 15,000 रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए, विदेशियों से 50,000 रुपये लिए जाते हैं। उनकी एकमात्र शर्त यह होती है कि कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।'
डिप्टी कमिश्नर साद मिया खान ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी 44,000 रुपये महीने का भुगतान किया करते थे और एक साल तक घर में रहे। उन्होंने कहा, 'ग्राउंड फ्लोर पर ताला लगा हुआ था और वे पहली मंजिल पर रहते थे। उन्होंने दूसरी मंजिल पर मादक पदार्थ बनाने के लिए पूरी लैब स्थापित कर ली थी।'
(भाषा इनपुट के साथ)