Nirbhaya Case: सुप्रीम कोर्ट से पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पेटिशन खारिज, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा- कल मिलेगा मेरी बेटी को न्याय  

By रामदीप मिश्रा | Published: March 19, 2020 11:51 AM2020-03-19T11:51:15+5:302020-03-19T11:52:45+5:30

Nirbhaya Gangrape Case: दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने देश को हिला दिया था। पीड़िता को को निर्भया नाम से जाना गया।

Nirbhaya Gangrape Case: Nirbhaya will get justice tomorrow says her mother Asha Devi | Nirbhaya Case: सुप्रीम कोर्ट से पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पेटिशन खारिज, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा- कल मिलेगा मेरी बेटी को न्याय  

निर्भया की मां ने कहा कि उनकी बेटी को कल न्याय मिलेगा। (फाइल फोटो)

Highlightsनिर्भया की मां ने उम्मीद जताई है कि कल निर्भया को न्याय मिलेगा। दोषियों को तिहाड़ जेल में 20 मार्च यानि कल सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।

निर्भया गैंगरेप 2012 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (19 मार्च) को चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता की नाबालिग होने का दावा करने वाली समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद निर्भया की मां का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने उम्मीद जताई है कि कल निर्भया को न्याय मिलेगा। दरअसल, दोषियों को तिहाड़ जेल में 20 मार्च यानि कल सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका (curative petition) खारिज होने के बाद निर्भया की मां ने कहा, 'कोर्ट ने उन्हें (दोषियों) इतने मौके दिए हैं कि वे फांसी को टलवाने के लिए कुछ ले आते थे और उन आदत बन गई थी। अब, हमारा न्यायालय उनकी रणनीति से अवगत हैं। निर्भया को कल न्याय मिलेगा।' पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी सुधारात्मक याचिका में दलील दी थी कि जब अपराध हुआ, यानी 16 दिसंबर, 2012 को वह नाबालिग था।

इधर, तिहाड़ जेल में निर्भया मामले के चार दोषियों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद ने बुधवार को पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। दोषियों को जेल में शुक्रवार को फांसी दी जानी है। जेल अधिकारियों ने बताया कि पवन मंगलवार को मेरठ से राजधानी पहुंचे और उन्होंने रस्सी से पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। इस रस्सी का इस्तेमाल दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए होगा।

 
तिहाड़ जेल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब एक ही अपराध के लिए एक ही समय पर चार दोषियों को फांसी दी जाएगी। पवन अपने परिवार में तीसरे पीढ़ी के जल्लाद हैं। उन्होंने पहले कहा था कि उनके दादा ने सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी पर लटकाया था। इन दोनों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के संबंध में फांसी दी गई थी। इसके अलावा उनके दादा ने कुख्यात अपराधी रंगा और बिल्ला को भी फांसी दी थी। 

पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी। अदालत ने मृत्यु वारेंट को तीन बार इस आधार पर टाल दिया गया था कि दोषियों के सभी कानूनी उपचार समाप्त नहीं हुए हैं और एक या अन्य दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। 

दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने देश को हिला दिया था। पीड़िता को को निर्भया नाम से जाना गया। इस मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें एक नाबालिग शामिल था। वहीं छठे व्यक्ति राम सिंह ने मामले में सुनवाई शुरू होने के कुछ समय बाद खुदकुशी कर ली थी। 

वहीं नाबालिग को 2015 में रिहा कर दिया गया था। उसने सुधार गृह में तीन साल का समय बिताया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को मुकेश की एक याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में उसने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसके इस दावे को नहीं माना गया था कि 16 दिसंबर 2012 को जब जुर्म हुआ तब वह दिल्ली में नहीं था।
 

Web Title: Nirbhaya Gangrape Case: Nirbhaya will get justice tomorrow says her mother Asha Devi

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