बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका अल्पवास गृह कांड मामले में सीबीआई ने आरोपितों के वकीलों को करीब 650 पन्नों का पुलिस पेपर सौंपा है. पुलिस पेपर के मुताबिक, पीड़िता संख्या चार ने सीआरपीसी के तहत दर्ज बयान में बताया है कि यौन शोषण की शिकार बच्चियों का बालिका गृह में गर्भपात भी कराया जाता था. इसके लिए यहां आने वाली महिला डॉक्टर दवा देती थी.
रिपोर्ट के अनुसार, महिला डॉक्टर के साथ एक 'आसमानी' नामक डॉक्टर भी आता था. उसकी लड़कियों ने जमकर पिटाई कर दी थी. इसे लेकर कुछ बच्चियों की भी पिटाई भी हुई थी. बाद में उनका इलाज कराया गया था. इसके साथ हीं इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं.
इसमें दर्ज बयान के अनुसार, बच्चियों ने ब्रजेश, रवि रौशन, विकास व दिलीप वर्मा पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. बालिका गृह में बच्चियों पर होने वाले जुल्म की भी चर्चा है. पुलिस पेपर में आरोप है कि बालिका गृह में ब्रजेश ठाकुर ने दो बच्चियों की हत्या की, जबकि दो लड़कियों से एक अन्य बच्ची की गला दबाकर हत्या कराई. उसने यौन उत्पीड़न की शिकार बच्चियों का गर्भपात भी कराया था.
सीआरपीसी के तहत हुए बयान में पीड़िता छह ने बताया है कि बालिका गृह में कई बच्चियों की हत्याएं हो चुकी हैं. इसमें ब्रजेश की धमकी से डरी दो लड़कियों ने एक बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद ब्रजेश का चालक विजय लाश को बोरे में रखकर कहीं फेंक दिया. उसे घसीटकर ले जाते हुए उसने देखा था. पीड़िता छह ने यह भी बताया है कि मेंटल लड़कियों के रहने वाले कमरे में दो बच्चियों का मर्डर हुआ था.
वहीं, पीड़िता दो के बयान पर पुलिस ने बालिका गृह परिसर में शव होने की आशंका पर जमीन की खुदाई कराई थी, लेकिन उस वक्त वहां से कुछ नहीं मिला था. बच्ची ने आशंका जताई थी कि हो सकता है कि कुछ दिन बाद ब्रजेश और उनके कर्मचारियों ने शव को वहां से हटा दिया होगा. परिसर में शव गाड़े जाने की बात कई बच्चियों ने अपने बयान में कही है.
पुलिस पेपर के मुताबिक, साहू रोड स्थित बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों के साथ गलत करने के लिए मोटी राशि वसूली जाती थी. यह राशि मीनू नामक कर्मचारी वसूलती थी. वह बालिका गृह के अंदर कमरा भी उपलब्ध कराती थी. पीड़िता ने बताया है कि बालिका गृह में अक्सर सफेद कार से तीन लोग आते थे, जो बच्चियों के साथ गलत काम कर लौट जाते थे. अक्सर कुछ लड़कियों को समीप के होटल में भी ले जाया जाता था.