'दुष्कर्मी बाबा' ने स्वीकारा, आश्रम में आने वाली लड़कियां इस वजह आती थीं कमरें में
By एस पी सिन्हा | Updated: February 1, 2019 19:03 IST2019-02-01T19:03:41+5:302019-02-01T19:03:41+5:30
ढोंगी बाबा के असली चेहरा सामने लाने वाली दोनों शिष्या सगी बहन हैं. जो बाबा के साथ सत्संग व प्रवचन में भाग लेती रही थी. शिष्या के द्वारा महिला थाने में शिकायत के बाद आरोपित संत मनमोहन साहेब को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज कर पुलिस जांच में जुट गई है.

'दुष्कर्मी बाबा' ने स्वीकारा, आश्रम में आने वाली लड़कियां इस वजह आती थीं कमरें में
'दुष्कर्मी बाबा' और विश्व कबीर मंच के स्वंयभू अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष संत मनमोहन साहेब ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि आश्रम में आने वाली लडकियां उनकी सेवा-सत्कार के लिए उनके कमरे में आती थीं और पैर दबाकर आशीर्वाद प्राप्त करती थीं. इस तरह से इस संत का असली चेहरा सामने आया है. शिष्याओं का वह पिछले आठ वर्षों से लागातार यौन शोषण करता रहा है.
वहीं, ढोंगी बाबा के असली चेहरा सामने लाने वाली दोनों शिष्या सगी बहन हैं. जो बाबा के साथ सत्संग व प्रवचन में भाग लेती रही थी. शिष्या के द्वारा महिला थाने में शिकायत के बाद आरोपित संत मनमोहन साहेब को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज कर पुलिस जांच में जुट गई है.
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में संत मनमोहन साहेब ने सेवा सत्कार की बात कबूलते हुए खुद को निर्दोष बताया है. हालांकि पीड़ित बहनों ने पुलिस को बताया था कि आश्रम में दर्शन के लिए आने वाली लड़कियों के साथ संत मनमोहन साहेब छेड़छाड़ किया करते थे. लेकिन बाबा का आभा मंडल इतना बड़ा था और अभिभावकों की भी बाबा के प्रति इतनी श्रद्धा थी कि मामला जस का तस रह जाता था.
वहीं संत मनमोहन साहेब पर दुष्कर्म के आरोप लगने से उनसे संबंध रखने वाले कई राजेनताओं और सफेदपोशों की नींद उड़ चुकी है. कोर्ट में पीड़िता बहनों के धारा 164 के तहत बयान दर्ज होने के बाद अब पुलिस की नजर बाबा से जब्त मोबाइल पर है.
पुलिस को पीड़िता बहनों की मेडिकल जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है. पुलिस से पूछताछ के दौरान बाबा ने एक राष्ट्रीय दल का नाम लेते हुए बताया था कि वह लोकसभा चुनाव 2019 लडने की तैयारी कर रहा था.
जानकारों की मानें तो पुलिस के पास बाबा के खिलाफ पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं और स्पीडी ट्रायल के बाद उनका भी हश्र बाबा राम रहीम और आशाराम बापू की तरह होना तय माना जा रहा है. पुलिस ने नेपाल भागने की कोशिश में जब संत मनमोहन साहेब को गिरफ्तार किया तो सबसे पहले उसका एंड्रायड फोन जब्त कर लिया.
दरअसल, गिरफ्तारी से पहले ही पीड़ित बहनों ने अपने बयान में कहा था कि दुष्कर्म के दौरान बाबा ने आपत्तिजनक स्थिति में वीडियो बना लिया था और उसे वह वायरल करने की धमकी देकर लगातार यौन शोषण करता रहता था.
जानकार बताते हैं कि मोबाइल से इस तरह का कोई भी वीडियो नहीं मिला है. कयास लगाये जा रहे हैं कि गिरफ्तारी की भनक लगते ही बाबा ने आपत्तिजनक वीडियो और फोटो को डीलिट कर दिया. ऐसे में पुख्ता सबूत जुटाने के उद्देश्य से पुलिस बाबा के मोबाइल को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज सकती है. बाबा मनमोहन साहेब अक्सर लोगों के बीच अपने ऊंचे रसूख की चर्चा किया करते थे. खासकर बड़े राजनेताओं और दबंग लोगों की निकटता की कहानी सुनाया करते थे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाबा के जब्त मोबाइल में कई प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के राजनेताओं के नंबर रहते हैं और इनमें से कई के साथ उनकी चैटिंग भी होती रही है. पीड़िता का परिवार भी व्हाट्सएप से जुड़ा हुआ था. बताया जाता है कि संत मनमोहन दास के पिता गोसाई यादव उर्फ ध्यानी यादव कबीर पंथ के महात्मा थे. उनके निधन के बाद उनके छोटे बेटे मनमोहन ने आरती करके अंतिम संस्कार किया और पिता का स्थान ग्रहण किया था.