भोपाल, 26 अगस्त: मध्य प्रदेश की स्थानीय अदालत ने सात वर्षीय बच्ची के बलात्कार के दोषी को कुल 43 साल कारावास की सजा सुनाई है।
मध्य प्रदेश की अगर मालवा की स्थानीय अदालत ने घटना होने के दिन के मात्र 28 दिनों बाद मामले की सुनवाई पूरी करके सुजा सुना दी।
अदालत के ने दोषी को कई मामलों में दोषी पाया है। दोषी की कई सजाएँ एक साथ चलेंगी।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक नाबालिग बच्ची के बलात्कार के दो दोषियों को फाँसी की सजा सुनायी।
मंदसौर रेप मामले में भी अदालत ने दो महीने से कम समय में सुनवाई पूरी करते हुए सजा सुना दी थी।
पिछले कुछ सालों में पूरे देश में नाबालिग बच्चियों के बलात्कार की घटनाओं पर तीखी सामाजिक प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव से लेकर जम्मू-कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्चियों से बलात्कार और कई मामलों में बलात्कार के बाद हत्या के मामले से पूरा देश हिल गया।
नरेंद्र मोदी सरकार ने नाबालिग बच्चियों के बलात्कार के बढ़ते मामले देखकर नया पोक्सो कानून बनाया।
नए कानून में बदलाव करते हुए 12 वर्ष या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के लिए फाँसी की सजा का प्रावधान किया है।