Video: दलित के शव का गांव वालों ने यह कह कर नहीं होने दिया अंतिम संस्कार, वीडियो वायरल होने के बाद MP पुलिस ने लिया एक्शन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 2, 2022 15:40 IST2022-05-02T12:08:41+5:302022-05-02T15:40:39+5:30
पुलिस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

फोटो सोर्स: सोशल मीडिया
गुना: मध्य प्रदेश के गुना जिले में कुछ लोगों ने एक दलित परिवार को अपने एक परिजन का अंतिम संस्कार श्मशान घाट के चबूतरे पर करने से कथित तौर पर रोकने के मामला सामने आया है। इसमें पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों द्वारा रोके जाने के बाद दलित परिवार ने श्मशान घाट में ऊंचे चबूतरे के पास ही जमीन पर रिश्तेदार का अंतिम संस्कार किया है। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है।
इस घटना का वीडियो हुआ था वायरल
यह घटना गुना जिला मुख्यालय से 62 किलोमीटर दूर कुंभराज थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव में शुक्रवार को हुई है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है। वीडियो क्लिप में एक व्यक्ति को यह कहते सुना जा सकता है कि परिवार को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट के चबूतरे का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
#Casteism This happened in Chandpura village of Guna, MP where caste Hindu people stopped the cremation of a Dalit on the paltform of the crematory ground. They were forced to cremate the body on ground. Caste remains even if you are dead in Hindu society. pic.twitter.com/zkTsVgjLrN
— The Dalit Voice (@ambedkariteIND) May 1, 2022
क्या है पूरा मामला
इस मामले में कुंभराज थाना प्रभारी संजीव मवई ने कहा कि स्थानीय निवासी कन्हैया अहिरवार (70) की मौत के बाद उसके परिजन शव को लेकर श्मशान घाट गए थे। लेकिन गांव के तीन लोगों ने कथित तौर पर उन लोगों को वहां बने चबूतरे पर अंतिम संस्कार करने से रोक दिया था। इस पर परिवार ने चबूतरे के पास नीचे जमीन पर उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया था। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी।
आरोपियों को स्थानीय अदालत में किया गया पेश
अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने बाद में नारायण सिंह मीणा, रामभरोसे मीणा और दिलीप मीणा को इस मामले में गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को शनिवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।