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कानपुर शूटआउट के 48 घंटे से हुए ज्यादा लेकिन विकास दुबे का कोई सुराग नहीं, पता बताने पर 1 लाख का इनाम

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 5, 2020 09:01 IST

kanpur Encounter: कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर र अंधाधुंध गोलीबारी की गई। जिसमें प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

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ठळक मुद्देपुलिस ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर इनाम की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए JCB मशीन लगाकर उसका घर ढाह दिया है।विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। जिन्होंने पिछले 24 घंटे के भीतर विकास दुबे से बात की थी।

कानपुर: कानपुर में मुठभेड़ (kanpur Encounter) हुए 48 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। पुलिस के पास अब भी इस एनकाउंटर का मास्टरमाइंड कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर कोई सुराग नहीं है। विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की 20 टीमें और तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए नोएडा से लेकर नेपाल बॉर्डर तक अलर्ट कर दिया गया है। इसी बीच पुलिस ने विकास दुबे के बारे में सूचना देने वालों को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। पहले यह रकम 50 हजार थी, जिसे पुलिस ने बढ़ाकर एक लाख कर दिया है। पुलिस ने इस घटना में शामिल अन्य 18 आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम रखा है। 

500 लोगों की मोबाइल फोन पर पुलिस की नजर 

पुलिस को इस बात का शक है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे नेपाल भागने की कोशिश कर सकता है। इसलिए नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ नेपाल  बॉर्डर से सटे सातों जिलों में विशेष अलर्ट किया गया है। पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के परिवार, रिश्तेदार सहित तकरीबन 500 करीबियों के मोबाइस फोन पर पुलिस ने सर्विलांस पर ले रखे हैं। विकास के करीबी पुलिसकर्मियों की भी निगरानी की जा रही है। 

कानपुर के बिकरू गांव में घटनास्थल पर पुलिस (तस्वीर ट्विटर)

75 जिलों में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर अलर्ट

डीजीपी के जानकारी देते हुए बताया है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथ भागे अपराधियों को पकड़ने के लिए 75 जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। एडीजी क्राइम के एस प्रताप कुमार विकास दुबे के इस मामले को लीड कर रहे हैं। इसके अलावा एडीजी एलओ प्रशांत कुमार, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश भी ऑपरेशन में लगे हुए हैं। 

कानपुर मुठभेड़: चौबेपुर के SO विनय तिवारी को किया सस्पेंड, विकास दुबे के कॉल डिटेल में पुलिस वालों के नंबर 

कानपुर मुठभेड़ मामले में पुलिस ने चौबेपुर के एसओ (SO) विनय तिवारी को 4 जुलाई को सस्पेंड कर दिया। यूपी एसटीएफ (STF)विनय तिवारी से पूछताछ कर रही है। एसओ विनय तिवारी पर मुखबिरी का शक है।

विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। जिन्होंने मुठभेड़ से पिछले 24 घंटे के भीतर विकास दुबे से बात की थी। पुलिस ने इसी शक में चौबेपुर के एसओ (SO) विनय तिवारी को सस्पेंड किया है। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस इस मामले में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड से भी पूछताछ कर रही है।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का घर जिसे प्रशासन ने तोड़ दिया है (फाइल फोटो)

विकास दुबे का ढाया गया घर

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए  4 जुलाई को JCB मशीन लगाकर उसका घर ढाह दिया है। ये वही घर है जहां से विकास दुबे ने उत्तर प्रदेश की पुलिस पर फायरिंग की थी। विकास दुबे का ये घर कानपुर के पुलिस चौबेपुर थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में है।

जानें कानपुर शूटआउट में क्या हुआ? 

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम ने दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि (एक से डेढ़ बजे के करीब) को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी करने पहुंची। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। जैसे ही पुलिस का एक दल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। जिसमें  पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। आठ पुलिस कर्मी घायल हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। शहीद होने वालों में पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल थे। 

शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।

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