जेएनयू के प्रोफेसर पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप, दिल्ली महिला आयोग पहुंचा मामला
By भाषा | Published: March 18, 2018 08:51 AM2018-03-18T08:51:09+5:302018-03-18T15:50:43+5:30
छात्र संघ की अध्यक्ष गीता कुमारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज हुए 36 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया है लेकिन उनके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
नयी दिल्ली, 17 मार्च: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के एक प्रोफेसर द्वारा छात्राओं के एक समूह के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने शनिवार को दिल्ली महिला आयोग का रुख किया। पुलिस के मुताबिक दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के वसंत कुंज पुलिस थाना में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
आरोपी प्रोफेसर ने कल यूनिवर्सिटी के दो प्रशासनिक पदों से नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था। ये पद मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडीसी) और इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) थे। हालांकि उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निहित स्वार्थ वाले कुछ छात्रों का एक प्रायोजित कदम है।
छात्र संघ की अध्यक्ष गीता कुमारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज हुए 36 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया है लेकिन उनके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वह जेएनयू परिसर में मिली सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। जेएनयू प्रशासन ने उन्हें उनके अकादमिक दायित्वों से भी मुक्त नहीं किया है। गीता ने दावा किया कि अब तक नौ छात्राएं उत्पीड़न की रिपोर्ट देने के लिए सामने आई हैं और कई पूर्व छात्राओं ने हमें फोन कर प्रोफेसर के मातहत काम करने के दौरान उनके साथ हुए यौन उत्पीड़न के वाकये बताए हैं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर हमला बोलते हुए छात्र संघ ने आरोप लगाया कि आंतरिक शिकायत समिति द्वारा जांच कराने का वादा कर जेएनयू प्रशासन ने प्रोफेसर को बचाने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई में देरी का भी आरोप लगाया।