काला जादू के शक में झारखंड में 4 आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या के मामले में दो पुजारियों सहित आठ गिरफ्तार
By भाषा | Published: July 23, 2019 04:04 AM2019-07-23T04:04:07+5:302019-07-23T04:04:07+5:30
शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात नगर-सिसकारी गांव में चार बुजुर्गों को कथित तौर पर उनके घरों से घसीटकर बाहर निकाला था और डंडों से पिटाई की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।
झारखंड के गुमला जिले में जादू-टोना के संदेह में चार आदिवासियों की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या के मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया । पुलिस ने यह जानकारी दी है। एक बयान के अनुसार गिरफ्तार किये गए लोग उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात नगर-सिसकारी गांव में चार बुजुर्गों को कथित तौर पर उनके घरों से घसीटकर बाहर निकाला था और डंडों से पिटाई की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं।
Jharkhand:8 people have been arrested in connection with murder of 4 persons who allegedly practised witchcraft in Gumla.SP says,"around 16 suspects have been identified of them 8 were arrested.We are organising workshops to create awareness among people against witchcraft"(22/7) pic.twitter.com/7rdpa5n36H
— ANI (@ANI) July 22, 2019
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों में गांव के दो पुजारी शामिल हैं। खून में सने डंडों को भी जब्त कर लिया गया है। संदेह है कि इन्हीं डंडों से उन चारों की पिटाई की गई थी। जिला पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने कहा कि मृतकों की पहचान सुना उरांव (65), चंपा उराइन (79), फागुनी देवी (60) और पिरी उराइन (74) के रूप में हुई है। एसपी ने कहा आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और जादू-टोना रोधी अधिनियम 2001 के तहत मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, करीब एक सप्ताह पहले आदिवासियों के गांव में एक व्यक्ति की बीमारी के बाद मौत हो गई थी, जिसके बाद पीट-पीटकर हत्या का यह मामला सामने आया था।
पुलिस विज्ञप्ति में कहा गया है, "कुछ उपद्रवियों ने यह अफवाह फैलाई कि उस आदमी की मौत सुनैना उरांव द्वारा कथित जादू टोना के कारण हुई थी।" साथ ही यह भी अफवाह थी कि इन चारों बुजुर्ग लोगों ने गांव पर "जादू कर रखा" है, जिसकी वजह से रात के समय "आत्माओं के चिल्लाने" की आवाजें आती हैं। बयान में कहा गया है कि गांव के दो पुजारियों ने गांववालों की एक बैठक बुलाई जिसमें चारों आदिवासियों पर लगे "जादू-टोने" के आरोपों पर चर्चा की गई।