मेदांता हॉस्पिटल ने गरीब को 9.85 लाख का बिल थमा बनाया बंधक, CM की मदद से मिली आजादी
By पल्लवी कुमारी | Updated: February 9, 2018 14:22 IST2018-02-09T14:19:22+5:302018-02-09T14:22:57+5:30
किसान के परिवारवालों का आरोप है कि मरीज को छुट्टी देने की मांग करने पर अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी।

मेदांता हॉस्पिटल ने गरीब को 9.85 लाख का बिल थमा बनाया बंधक, CM की मदद से मिली आजादी
पिछले कुछ महीनों से देश के प्राइवेट अस्पतालों से महंगे बिल की खबरे देख को मिल रही है। ताजा मामला झारखंड की राजधानी रांची के मेदांता हास्पिटल की है। मेदांता अस्पताल पर आरोप है कि इन्होंने गरीब किसान को बंधक बनाकर रखा है। हॉस्पिटल ने इस परिवार को इलाज के बिल के लिए नौ लाख 85 हजार रुपये का बिल थमाया गया। जिसको यह देने में असर्मथ थे। किसान के परिवारवालों का आरोप है कि मरीज को छुट्टी देने की मांग करने पर अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी।
गरीब परिवार ने मुख्यमंत्री रघुवरदास से गुहार लगाई है। जिसपर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक्शन लेते हुए गरीब परिवार को हॉस्पिटल से रिहा कर दिया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट करते हुए कहा, 'मोहम्मद अयूब अली जी( पीड़ित) को अस्पताल से उनके घर भिजवा दिया गया है। उन्हें अस्पताल को एक भी पैसा अतिरिक्त नहीं देना है। कोई भी अस्पताल यदि मरीज से बिना वजह अधिक पैसा मांगे तो हमें अवश्य सूचित करें। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'
मोहम्मद अयूब अली जी को अस्पताल से उनके घर भिजवा दिया गया है।उन्हें अस्पताल को एक भी पैसा अतिरिक्त नहीं देना है। कोई भी अस्पताल यदि मरीज से बिना वजह अधिक पैसा मांगे तो हमें अवश्य सूचित करें।ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। https://t.co/oggBjgxwRq
— Raghubar Das (@dasraghubar) February 8, 2018
हालांकि रघुवर दास के आदेश के बाद मोहम्मद अयूब अली की तबियत फिर से खराब हो गई, जिसकी वजह से वह रात भर फिर से अस्पताल में ही रहे। बता दें कि दो महीने पहले रांची के इरबा स्थित मेदांता अस्पताल में मोहम्मद अयूब अली को भर्ती कराया गया था। उस वक्त डॉक्टरों ने इलाज का पूरा खर्चा 1.25 लाख रुपए बताए थे। जिसके बाद मोहम्मद अयूब अली के परिवार वालों ने किस्तों पर यह रकम जमा करवाई थी। ख्यमंत्री असाध्य रोग योजना के तहत ही बाकी सारे इलाज के खर्च मोहम्मद अयूब अली को मिला था।