झारखंड: कांस्टेबल ने इंसास राइफल से ASI को मारी गोली, मामूली विवाद के बाद हत्या को दिया अंजाम

By अंजली चौहान | Updated: June 6, 2024 10:04 IST2024-06-06T10:00:14+5:302024-06-06T10:04:30+5:30

लोहरदगा: झारखंड के लोहरदगा जिले में बुधवार रात एक पुलिस अधिकारी की उसके सहकर्मी ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी।

Jharkhand Police Officer Shot Dead by Colleague With INSAS Rifle Following Altercation Over Petty Issue in Lohardaga | झारखंड: कांस्टेबल ने इंसास राइफल से ASI को मारी गोली, मामूली विवाद के बाद हत्या को दिया अंजाम

झारखंड: कांस्टेबल ने इंसास राइफल से ASI को मारी गोली, मामूली विवाद के बाद हत्या को दिया अंजाम

लोहरदगा: झारखंड के लोहरदगा में खाकी ही लहूलुहान हो गई, जब एक पुलिस अधिकारी ने अपने ही सहकर्मी को गोली मार दी। बताया जा रहा है कि आरोपी कांस्टेबल ने मामूली विवाद के बाद एएसआई को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। 

घटना बुधवार रात 5 जून की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि मृतक के शव को पोस्टमाटम के लिए भेज दिया गया है। 

गौरतलब है कि कांस्टेबल अनंत सिंह मुंडा ने रात करीब 9 बजे एक मामूली बात पर हुए विवाद के बाद सहायक उपनिरीक्षक धर्मेंद्र सिंह की इंसास राइफल से गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमान ने बताया कि घटना का ब्योरा जुटाया जा रहा है। पीड़ित और आरोपी दो अन्य व्यक्तियों के साथ किराए के मकान में साथ रहते थे। दोनों के एक साथ रहने और फिर इस घटना के होने के तार पुलिस जोड़ने  का काम कर रही है। वहीं, वारदात क्यों और कैसे हुई इसका पता भी लगाया जा रहा है।

जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर गोलीबारी

मालूम हो कि साल 2023 में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के एक कांस्टेबल ने जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप एक वरिष्ठ अधिकारी और तीन यात्रियों की मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, कांस्टेबल चेतन सिंह ने चलती ट्रेन में अपने एस्कॉर्ट ड्यूटी इंचार्ज एएसआई टीका राम मीना की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद वह दूसरे कोच में गया और तीन यात्रियों को गोली मार दी। इसके बाद आरोपी ने सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले घटनास्थल से भागने की कोशिश की।

यह घटना सुबह करीब 5 बजे हुई जब जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस पालघर रेलवे स्टेशन के पास थी। चेतन सिंह, दो अन्य कांस्टेबल और सहायक उप-निरीक्षक (ASI) टीकाराम के साथ ट्रेन को एस्कॉर्ट करने के लिए जिम्मेदार थे। यह समूह अपना काम पूरा करने के लिए मुंबई सेंट्रल की ओर जा रहा था। RPF सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा कारणों से एक्सप्रेस ट्रेनों को एस्कॉर्ट करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और कांस्टेबलों की एक टीम को नियुक्त करना मानक अभ्यास है। चेतन सिंह एक एस्कॉर्ट टीम का हिस्सा थे जो सूरत रेलवे स्टेशन तक ट्रेन के साथ यात्रा कर रहे थे, जहाँ उन्होंने अपनी ड्यूटी पर लौटने से पहले कुछ घंटों तक आराम किया।

जैसे ही ट्रेन पालघर रेलवे स्टेशन से गुज़री, चेतन सिंह ने अप्रत्याशित रूप से अपने स्वचालित हथियार, एकेएम (एके-47 का संशोधित संस्करण) से फायरिंग शुरू कर दी। एएसआई टीकाराम को गोली मारने के बाद, वह कोच बी5, एस6 और पेंट्री कार में घुस गया और तीन यात्रियों को गोली मार दी, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। उसने 12 राउंड फायरिंग की, जिसके परिणामस्वरूप तीन यात्रियों की मौत हो गई।

हिंसा के इस कृत्य के पीछे सटीक मकसद की जांच की जा रही है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट बताती है कि चेतन सिंह मानसिक रूप से परेशान था और उसे संभवतः उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें थीं।

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