5 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय 'वेश्यावृत्ति को ना' दिवस (इंटरनेशनल डे आफ नो प्रॉस्टिट्यूशन) के रूप में भी मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2005 में फीलिपींस यूनिवर्सिटी ने की थी। इसके बाद अमेरिका के कैलिफोर्निया और ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न व विक्टोरिया शहर में बड़े पैमाने पर यह मानाया जाने लगा।
धीरे-धीरे कनाडा फिर एशिया के कई देशों में इस दिन को मनाया जाने लगा। हालांकि भारत में अभी किसी ऐसे दिन को धूमधाम से मनाने या ऐसा कोई मामला जब एक साथ कुछ महिलाओं या पुरुषों ने ऐसे धंधे को ना बोल दिया हो, जैसा कोई वाकया सामने नहीं आया है।
वहीं दूसरी ओर भारत में आज भी सार्वजनिक तौर पर वेश्यावृति के लिए देश के सबसे प्रमुख शहरों में कुछ बदनाम मोहल्ले-गलियां हैं, जहां खुलेआम वेश्यावृति होती है।
1. दिल्ली का जीबी रोड
देश की राजधानी दिल्ली के बीचो-बीच स्थित गारस्टिन बास्टिन रोड पर आज भी जिस्मफरोशी का धंधा चलता है। दिनदहाड़े यहां आज भी पैसों से जिस्म की खरीदफरोख्त को देखा जा सकता है। यहां नाच-गाने को लेकर कई कोठे मशहूर हैं। साल 1965 में इसका नाम बदल कर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया था।
2. कोलकाता का सोनागाछी
पश्चिम बंगाल की राजधानी के इस रेड लाइट एरिया को देश की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया के तौर पर जाना जाता है। कई रिपोर्ट्स में यहां हजारों महिलाओं के जिस्म के धंधे में फंसे होने की जानकारियां सामने आती रहती हैं।
यह इलाका उत्तरी कोलकाता के शोभा बाजार के पास चित्तरंजन एवेन्यू में है। यहां धंधे से जुड़ी महिलाओं को लाइसेंस देने का भी चलन रहा है।
3. मुंबई का कामथीपुरा
मुंबई भारत में सबसे ज्यादा देह व्यापार के लिए बदनाम है। यहां कमाथीपुरा में सार्वजनिक तौर पर देह व्यापार को अंजाम दिया जाता है। यहां यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से गई कई लड़कियों के फंसने की खबरें आती रही हैं।
4. इलाहाबाद का मीरगंज
उत्तर प्रदेश की इंटेलेक्चुअल राजधानी कहे जाने वाले शहर इलाहाबाद के बीचो-बीचो स्थित मीरगंज भारत के प्रमुख रेड लाइट एरिया में से एक है। इलाहाबाद के चौक मार्केट से सटे इस बाजार में आज भी खुलआम जिस्मफरोशी का धंधा चलता है। इसे बंद करने को लेकर कई बार आवाजें उठीं। क्योंकि इन्हीं बदनाम गलियों में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरहाल नेहरू का जन्म भी हुआ था।
5. पुणे का बुधवार पेठ
भारत के सबसे रमणीय शहरों में गिना जाने वाले पुणे में बुधवार पेठ स्थित रेड लाइट एरिया में भी खुलेआम चकलाघर चलने के मामले सामने आते रहे हैं। यहां पर भी सैकड़ों महिलाओं के फंसे होने की रिपोर्ट आती रही हैं।
भारत में रेड लाइड एरिया
भारत में वेश्यावृति का इतिहास पुराना रहा है। राजे-रजवाड़ों के समय में नगरवधु का चलन रहा। इसके बाद गोवा में 17वीं शताब्दी में पुर्तगाली कालोनी में वेश्यावृति के कई मामले सामने आए। लेकिन भारत में रेड लाइट एरिया का चलन 20वीं सदी में अंग्रेज लेकर आए।
अंग्रेजों ने भारी संख्या में भारत में अपने सैनिक लाया था। लेकिन उनके साथ उनकी घरवालियां नहीं आ पाई थीं। ऐसे में उनकी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अंग्रेजों ने आधिकारिक तौर ऐसी जगहें निर्धारित की थीं। जहां पैसे के बदले शारीरिक जरूरतें पूरी होती थीं। उनके जाने के बाद भी यह चलन जारी रहा।