कोई लाश को बनाता था हवस का शिकार, तो कोई करता था बहन का रेप, ये है 5 साइको किलर की पूरी कहानी
By पल्लवी कुमारी | Published: January 2, 2018 12:09 PM2018-01-02T12:09:22+5:302018-01-02T14:28:08+5:30
भारत में कई ऐसे साइको किलर हैं, जिन्होंने अपने पागलपन में एक नहीं बल्कि दर्जनों लोगों को बिना वजह मौत के घाट उतार दिए हैं।
हरियाणा के पलवल जिले से एक दहला देने वाली खबर आई है। यहां एक ही रात में अलग-अलग जगहों पर 6 हत्याएं हुई हैं। इन हत्याओं का आरोप एक शख्स पर है। सभी हत्याएं रॉड से पीट-पीटकर हुई है। पुलिस आरोपी को साइको किलर बता रही है। बात अगर सीरियल किलर की जाए तो भारत में कई ऐसे साइको किलर रहे हैं, जिन्होंने दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया है। हम यहां ऐसे कुछ साइको किलर की बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपने पागलपन में एक नहीं बल्कि दर्जनों लोगों को बिना वजह मौत के घाट उतार दिया है।
1- रमन राघव: 1966-68 के बीच 41 लोगों की हत्या
मुंबई के इस साइको किलर पर डायरेक्टर-प्रोड्यसर अनुराग कश्यप ने फिल्म भी बनाई है। जिसका नाम है- 'रमन राघव 2.0। मुंबई में 60 के दशक में यह एक भयंकर साइको किलर हुआ करता था जिसकी वजह से पूरा सिस्टम टेंशन में आ चुका था। 1965 से 68 के बीच मुंबई और आसपास के शहरों में रमन का आतंक फैल गया। पुलिस के सामने रमन ने 1966-68 के बीच 41 लोगों की हत्या की बात कबूली। जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
सजा- राघव को सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, जिसे 1969 में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया। मानसिक रूप से बीमार इलाज के लिए उसे पुणे के एक मेंटल हॉस्पिटल में रखा गया। 4 अगस्त, 1988 को इलाज के दौरान रमन की मौत किडनी फेल होने से मौत हो गई थी।
2- देवेंद्र शर्मा: 30-40 टैक्सी ड्राइवरों को उतार चुका था मौत के घाट
कोलकता के रहने वाले देवेंद्र शर्मा यूं तो पेशे से आर्युवेद के डॉक्टर थे। लेकिन इसके साथ ही वह एक फेमस सीरियल किलर भी थे। देवेंद्र सिर्फ टैक्सी ड्राइवरों को अपना निशाना बनाता था। पुलिस के सामने उसने 2002-2004 के बीच कबूला था कि वह 30-40 टैक्सी ड्राइवरों को मार चुका है। देवेंद्र ने पुलिस को बताया था कि टुरिस्ट बनकर वह टैक्सी मैं बैठता था और फिर बीच रास्ते में अपने दोस्तों के साथ मिलकर ड्राइवर का कत्ल कर देता। ड्राइवरों को मारकर वह उनकी गाड़ियों को चोर बाजार में बेच दिया करता था।
सजा- 2008 में देवेंद्र को मौत की सजा हुई।
3- सुरेंद्र कोली: निठारी कांड के नर पिशाच के नाम से है यह फेमस
उत्तर प्रदेश नोएडा का रहने वाला सुरेंद्र कोली को निठारी कांड का नर पिशाच भी कहा जाता है। इसे 2006 में निठारी गांव से गायब हुए कई बच्चों की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। नोएड पुलिस उस वक्त सकते में आ गई थी जब सुरेंद्र कोली के घर के पीछे वाली नली से दर्जनों बच्चों की लाश मिली थी। यह एक अजीब किस्म का साइको किलर था।
यह सिर्फ बच्चों और महिलाओं को ही अपना शिकार बनाता है। जिन लोगों को यह मारता था उसकी डेडबॉडी के साथ वह दरिंदगी किया करता था। इतना ही नहीं वह मरे हुए सख्स का मांस भी खाता था। इसे एक तरह की बीमारी थी, जिसे नेक्रोफीलिया डिसीज कहते हैं। नेक्रोफीलिया डिसीज से ग्रसित व्यक्ति डेड बॉडी के साथ दरिंदगी करता है। लेकिन उसे ये पता नहीं होता है कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। कभी-कभी ये सनक में तो कई बार प्लेजर के लिए भी किया जाता है। हालांकि इस डिसीज के बारे में अभी तक मरीजों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। भारत में ये बीमारी कितने लोगों को है, यह डाटा भी उपलब्ध नहीं है।''
सजा- 8 मामलों में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा मिल चुकी है। फिलहाल यह गाजियाबाद जेल में बंद है।
4- जयशंकर: वेश्याओं का करता था खून
तमिलनाडु के सालेम के रहने वाले कुख्यात किलर एम जयशंकर पर 30 से अधिक महिलाओं रेप और 15 हत्याओं का आरोप है। दक्षिण भारत के तीन राज्य तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में उसकी ऐसी दहशत कायम थी कि लोग खौफ से कांप उठते थे। वह पेशे से ट्रक ड्राइवर था। अगस्त 2009 में उसने 12 महिलाओं के साथ रेप करके उनकी हत्या कर दी। वहीं छह अन्य महिलाओं के साथ भी रेप किया। उसके निशाने पर अधिकांश वेश्याएं रहती थीं। वह उनको अगवा करता और रेप के बाद उनकी निर्दयतापूर्वक हत्या कर देता था।
सजा- जयशंकर फिलहाल जेल में दस साल की सजा काट रहा है। कोर्ट ने इसे उम्रकैद की सजा सुनाई है।
5- गौरी शंकर :खून, सेक्स और शराब का था इसको नशा
गौरी शंकर एक ऑटो चालक था इसलिए उसका दूसरा नाम ऑटोशंकर भी पड़ गया था। सन 1988 में इसने 6 महीने के अंदर 9 लड़कियों को किडनैप करके मार डाला। इसको खून, सेक्स और शराब का नशा था। पुलिस ने इससे जब पूछताछ की उसने इतनी हत्या क्यों की तो यही कहता था कि उसे नहीं पता, उसने ऐसा क्यों किया। हालांकि सजा होने के बाद उसने यह राज खोला था कि उसने लड़कियों की उन नेताओं के कहने पर हत्या की थी। पुलिस ने बताया था कि इन 9 लड़िकयों की हत्या एक ही तरीके से हुई थी।
सजा- 1995 में गौरी शंकर को फांसी दी गई।
इन पांचों साइको किलर में एक बात काफी कॉमन है, वह यह कि इन्हें हत्या के पीछे की वजह ही नहीं पता थी। इन्होंने क्यों इतने लोगों को मौत के घाट उतारा इसके पीछे की कोई वजह इन्हे पता नहीं थी।
क्या होता है सीरियल किलर
1966 में ब्रिटिश लेखक जॉन ब्रोडी ने सबसे पहले 'सीरियल किलर' शब्द का प्रयोग किया था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जस्टिस ने अलग-अलग घटनाओं में दो या दो से अधिक मर्डर के सीरीज को सीरियल किलिंग के रूप में परिभाषित किया है। इस तरह के लोग एक मानसिक विकृति से पीड़ित शख्स होते हैं जो अपनी संतुष्टि के लिए यदि मर्डर को अंजाम देता है, तो वह सीरियल किलर होता है।
क्या कहते हैं साइको किलर के बारे में डॉक्टर
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि सीरियल किलर या साइको किलर एक विचित्र तरह के इंसान होते हैं। यह समाज से बिल्कुल अलग रहते हैं। इनको सोशल होना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है। ऐसे लोगों में एक अलग ही तरह की सनक होती है और उसी सनक को शांत करने के लिए वह अजीब तरह की हरकतें करते हैं। सीरियल किलिंग का मुख्य मकसद मनोवैज्ञानिक संतुष्टि होती है। क्रोध, रोमांच, वित्तीय लाभ और ध्यान आकर्षित करने के लिए अधिकतर सीरियल मर्डर किए जाते हैं।
मशहूर शोधकर्ता स्टीव इग्गेर ने छह साइको किलर की विशेषताएं बताई हैं-
1- कम से कम दो हत्या
2- हत्यारे-शिकार में कोई संबंध ना होना
3- हत्याओं के बीच सीधा संबंध
4- अलग-अलग स्थानों पर हत्याएं
5- पीड़ितों यानी जिसका मर्डर हुआ उसमें में कॉमन विशेषताएं होना
6- लाभ की बजाए संतुष्टि पाने के लिए हत्या