ये है पूरी कहानी,40 साल की गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन कैसे बनी सेक्स रैकेट क्वीन...
By पल्लवी कुमारी | Published: December 26, 2017 05:16 PM2017-12-26T17:16:09+5:302017-12-26T17:55:38+5:30
दिल्ली के क्राइम ब्रांच सेल ने गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन को एक बार फिर गिरफ्तार किया है।
दिल्ली से लेकर आसपास के कई राज्यों में सेक्स रैकेट चलाने वाली गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन का नाम क्राइम की दुनिया में कोई अनजाना नहीं है। सोनू पंजाबन पर सेक्स रैकेट के अलावा भी कई संगीन आरोप दर्ज है। 40 साल की सोनू पंजाबन को दिल्ली के क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने शनिवार को गिरफ्तार किया है। सोनू के उपर उस पर आईपीसी की धारा 363, 366, 342, 370, 370A, 372, 373, 376, 34, 120B और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज है। सोनू पंजाबन उस वक्त चर्चा में आई जब एक नामी बिजनेसमैन की लाश उसकी गाड़ी में बरामद हुई। एक बार फिर सोनू पंजाबन गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में है। तो आइए जानते हैं कौन है सोनू पंजाबन...
ऐसे फैला सोनू पंजाबन का कारोबार
सोनू पंजाबन खुद को पहले कॉलगर्ल बताती थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बदला सोनू का बिजनेस भी फैलता गया। दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी सोनू का पूरा जाल फैला हुआ है। सोनू जिस्मफरोशी का धंधा करने वाले दलालों की मालकिन है। सोनू के अंदर काम करने वाले दलाल देश के कई अलग-अलग इलाकों में काम करते हैं। सोनू का दबदबा इतना है कि वह दलालों को अपनी मर्जी से उनका इलाका तय करके देती है और मोटे पैसे भी वसूलती है।
गीता अरोड़ा से कैसे बनी सोनू पंजाबन
खुद को कॉलगर्ल बताने वाली गीता अरोड़ा उस वक्त फेमस हुई जब एक बड़े व्यापारी की लाश उसकी गाड़ी में मिली थी लेकिन गीता पुलिस से बचने में कामयाब हो गई थी। इस घटना के बाद गीता की दोस्ती रोहतक के विजय से हो गई थी। उस वक्त रिपोर्ट की मानें तो गीता और विजय दोनों शादी भी कर ली थी। शादी के कुछ महीने बाद ही विजय पुलिस के हाथों मारा गया। इसके बाद गीता की दोस्ती फिर से दीपक नाम के शख्स से हुई है। दीपक भी पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। दीपक के मारे जाने के बाद गीता ने दीपक के बड़े भाई हेमंत अरोड़ा उर्फ सोनू से शादी कर ली। इसी वजह से उसे गीता को सोनू पंजाबन कहा जाता है। हेमंत अरोड़ा उर्फ सोनू की आड़ में गीता ने अपने जिस्म के कारोबार को आगे बढ़ाया। 2006 में हेमंत सोनू भी एनकाउंटर में मारा गया था।
चार लोगों को एनकाउंटर में फंसा उतार चुकी है मौत के घाट
हेमंत के मारे जाने के बाग सोनू पंजाबन ने अशोक उर्फ बंटी का सहारा लिया। बंटी भी दिलशाद गार्डन में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उस वक्त की खबरों की मानें तो सोनू पंजाबन ने ही रोहतक के विजय , दीपक, हेमंत अरोड़ा उर्फ सोनू और अशोक उर्फ बंटी को पुलिस की मुखबिरी बनकर मरवाया था। माना जाता है कि पुलिस सोनू पंजाबन के काम में कोई दखल ना करें इसलिए वह पुलिस की मुखबिरी बन गई थी।
ऐसे करती है सोनू पंजाबन काम
सोनू ने धीरे-धीरे दिल्ली के सभी दलालों को अपने साथ मिला लिया। इस काम में जो भी सोनू के साथ नहीं आया वह दुबारा कभी सुबह का सूरज नहीं देख पाया। देखते ही देखते सोनू का सेक्स रेकेट कारपोरेट में बदल गया। सोनू ने लड़कियों को फिक्स सैलेरी पर रखा। सोनू कस्टमर से पैसे लेकर लड़कियों को नहीं देती थी बल्कि उनको महीने में एक बार सैलरी देती थी।
सोनू पंजाबन का किरदार भी फिल्माया गया है...
फुकरे और फुकरे रिटर्न्स फिल्म में भोली पंजाबन का करिदार भी सोनू पंजाबन से प्रेरित है। हालांकि फिल्ममेकर ने इस बात को अधिकारिक तौर पर नहीं बताया था।
2009 की उम्र में हुई थी किडनैप
पंजाब पुलिस का कहना है कि 2009 में एक 12 साल की लड़की के किडनैप होने की शिकायत दर्ज हुई थी। चार सालों के बाद 2012 में एक 16 साल की लड़की नजफगढ़ पुलिस स्टेशन में आई। उसने यह दावा किया कि उसका संबंध दलालों से है। इस घटना के बाद पुलिस ने यह खुलासा किया था कि यह वही लड़की थी जिसका अपहरण 2009 में हुआ था।