जब मोक्ष के नाम पर सैकड़ों लोगों ने की सामूहिक आत्महत्या, जानें इतिहास की ऐसी चार रहस्यमयी घटनाएँ
By आदित्य द्विवेदी | Updated: July 2, 2018 16:44 IST2018-07-02T16:44:04+5:302018-07-02T16:44:04+5:30
दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों की सामूहिक मौत का मामला धार्मिक आत्महत्या के तौर पर देखा जा रहा है। इतिहास में पहले भी मोक्ष और डर की वजह से सामूहिक आत्महत्या की घटनाएं मिलती हैं।

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दिल्ली के बुराड़ी में एक ही घर से 11 लोगों के शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। क्राइम ब्रांच की टीम इस रहस्यमयी मौत की पड़ताल हर एंगल से कर रही है। पुलिस का कहना है कि मौके पर मौजूद ज्यादातर सबूत सामूहिक आत्महत्या की तरफ इशारा कर रहे हैं। घर से एक डायरी बरामद हुई है जिसमें तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास की बातें लिखी हुई हैं। कई लोगों को इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा कि एकसाथ इतने लोग मौत को गले लगाने के लिए तैयार कैसे हो गए? गौरतलब है कि सामूहिक आत्महत्या की ये पहली घटना नहीं हैं। इतिहास में धर्म/पंथ/मोक्ष/डर के नाम पर सामूहिक आत्महत्या की कई रहस्यमयी घटनाएं मिलती हैं, जहां एकसाथ सैकड़ों लोगों ने मौत को गले लगा लिया।
1. Peoples Temple (1978)
इसे आधुनिक इतिहास की सबसे बड़ी सामूहिक आत्महत्या माना जाता है। 18 नवंबर, 1978 को पीपुल्स टेंपल पंथ के अनुयायियों ने एकसाथ आत्महत्या कर ली जिसमें 276 बच्चे शामिल थे। पंथ मुखिया जिम जोन्स ने भी सभी अनुयायियों के साथ सायनाइड खाकर जान दी। अपने आखिरी संबोधन में जिम जोन्स कहते हैं, 'हम आत्महत्या नहीं कर रहे हैं, हम इस अमानवीय दुनिया के हालातों के खिलाफ एक क्रांतिकारी आत्महत्या का प्रदर्शन कर रहे हैं।' बताते हैं कि जोन्स ने पहले भी लोगों से क्रांतिकारी आत्महत्या करने की बात कही थी। लोगों को जहर के नाम पर एक पेय पदार्थ भी पिलाया लेकिन उसमें जहर नहीं था।
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2. Solar Temple (1994-97)
साल 1994 से 1997 के दौरान सोलर टेंपल पंथ के अनुयायियों ने कई जगह पर सामूहिक आत्महत्याएं की। इन तीन सालों में करीब 74 मौत के मामले सामने आए। इसमें अधिकांश ने मौत से पहले सुसाइड नोट लिखा। इसमें लिखा गया कि उनकी मौत इस दुनिया के पाखंड और दमन से बचाएगी। उन्होंने दावे किए थे कि वे मृत्यु के बाद रात को दिखने वाले सबसे चमकीले सितारे सिरियस पर चले जाएंगे। जिसे वो लोग जन्नत या प्रभु की दुनिया कहते थे। पुलिस के मुताबिक मरने वालों में से कई लोगों ने इस पंथ के मुखिया जोसेफ डि मैम्ब्रो को 1 मिलियन डॉलर से ज्यादा दान किए थे। सभी आत्महत्याएं एक खास तारीख के इर्द-गिर्द की गई।
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3. Heavens Gate (1997)
24 मार्च से 27 मार्च 1997 के दौरान हैवेंस गेट के 39 अनुयायियों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। उन लोगों का मानना था कि मरने के बाद शरीर यहीं रह जाएगा और उनकी आत्मा एक विमान में बैठकर जन्नत चली जाएगी। इस अमानवीय दुनिया को छोड़कर वो जन्नत का हिस्सा बन जाएंगे। सामूहिक आत्महत्या में दो लोग बच गए थे। इसमें एक व्यक्ति ने 1998 में आत्महत्या कर ली।
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4. Adam House (2007)
21वीं शताब्दी में भी धर्मांधता की ऐसी खबरें आए तो भरोसा कम ही होता है। बांग्लादेश में साल 2007 में आदम पंथ के 9 अनुयायियों ने ट्रेन के नीचे लेटकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। ये सभी एक ही परिवार के थे। इस हत्या पर अंग्रेजी अखबार डेली मेल ने अलग ही एंगल निकाला। उसने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि मृतकों ने ईसाई धर्म अपना लिया था जिसकी वजह से लोग उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। हालांकि इनके घर 'आदम हाउस' से एक डायरी बरामद हुई जिसमें लिखा है कि वो आदम और हौव्वा की तरह पवित्र जिंदगी चाहते थे। बिना किसी रोक-टोक और परहेज के। इस्लाम छोड़ने के बाद इस परिवार ने किसी ईसाई सेरेमनी में हिस्सा नहीं लिया। यहां तक कि वो कभी-कभी काली की भी पूजा किया करते थे। वो बिना किसी सीमा के सभी धर्मों को मानते थे।
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