हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक: आत्महत्या व रेप के चार्ज में जेल जा चुके हैं गोपाल कांडा, मंत्री पद से देना पड़ा था इस्तीफा
By पल्लवी कुमारी | Published: October 25, 2019 10:49 AM2019-10-25T10:49:31+5:302019-10-25T10:49:31+5:30
54 वर्षीय गोपाल गोयल कांडा हरियाणा के सिरसा जिले के बिलासपुर गांव के मूल निवासी हैं। पेशे से गोपल कांडा एक बिजनेसमैन हैं। 2009 में गोपाल कांडा निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने थे।
हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के उम्मीदवार गोपाल कांडा ने सिरसा विधानसभा सीट मामूली अंतर से जीत ली। चुनाव जीतकर बीजेपी को अपना समर्थन देने के बाद विवादों में रहे हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा का नाम सोशल मीडिया के टॉप ट्रेंड में आ गया है। गोपाल कांडा ने बीजेपी को सबसे पहले अपना समर्थन देने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब बीजेपी ने गोपाल कांडा की गिरफ्तारी के लिए विरोध प्रदर्शन किया था। गोपाल कांडा पर रेप और दो महिलाओं के आत्महत्या का केस दर्ज है। गोपाल कांडा का विवादों से गहरा नाता है। गोपाल कांडा का नाम साल 2012 में तब चर्चा में आया था जब उनकी एयरलाइन कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी (एयरहोस्टेस) गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी। तो आइए जानते हैं इस केस के बारे में...
5 अगस्त 2012 को एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा ने किया था सुसाइड
गीतिका शर्मा गोपाल कांडा की एयरलाइन कंपनी एमडीएलआर में बतौर एयरहोस्टेज नौकरी करती थी। गीतिका ने 5 अगस्त 2012 को आत्महत्या की। गीतिका का शव दिल्ली के अशोक विहार स्थित घर में पंखे से लटका मिला। सुसाइड नोट में गीतिका ने गोपाल कांडा और उनकी कंपनी की एक कर्मचारी अरुणा चड्ढा का नाम लिया था। जिसमें गोपाल कांडा पर रेप, आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश रचने जैसे तमाम आरोप लगे थे।
गोपाल कांडा ने खुद पर लगे आरोपों को राजनीति रंजिश का नाम दिया था। सुसाइड नोट बरामद होने के बाद वह 10 दिनों के लिए अंडरग्राउंड हो गए थे। उसके बाद उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। गोपाल कांडा विवादों में फंसने के बाद 2012 में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। गोपाल कांडा उस वक्त भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार में मंत्री थे।
एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा की मां ने भी कर लिया था सुसाइड
गीतिका शर्मा की आत्महत्या के 6 महीने बाद उनकी मां ने भी आत्महत्या कर ली थी और उन्होंने भी अपने सुसाइड नोट में कथित तौर पर कांडा का नाम लिया था। गोपाल कांडा रेप और आत्महत्या के आरोप में 18 महीने जेल में रहे थे। 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उनपर लगे सारे आरोपों को हटा लिया था और उन्हें बेल दिया था।
हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का पूरा सफर
गोपाल कांडा का जन्म हरियाणा के सिरसा में दिसंबर 1965 में हुआ था। 10वीं कक्षा में पास होने के पहले ही कांडा को स्कूल से निकाल दिया गया था। उनके पिता मुरली धर कांडा सिरसा में वकील थे और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के करीबी थे।
कांडा ने अपनी जिंदगी चलाने के लिए मजदूरी भी की है। उन्होंने रेडियो की मरम्मत करना, म्यूजिक शॉप में काम भी किया है। उसके बाद उन्होंने हवाई चप्पल और जूते की दुकान खोली और बाद में उन्होंने एक छोटा जूता कारखाना भी खोला। 1997 में कांडा गुरुग्राम में शिफ्ट हो गए थे। 1998 में गुरुग्राम में प्रॉपर्टी बिजनेस में कांडा ने कदम रखा और सफलता पाई।
ओमप्रकाश चौटाला के सीएम बनते ही गोपाल कांडा की बदली जिंदगी
कांडा की जिंदगी तब बदली जब 1999 में ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। चौटाला के मुख्यमंत्री बनते ही कांडा का प्रॉपर्टी बिजनेस चल पड़ा। उन्होंने छोटे-छोटे प्लॉट की खरीद-बिक्री शुरू की और धीरे-धीरे वह हरियाणा के रियल एस्टेट के एक बड़े खिलाड़ी बन गए। 2005 में कांडा ने अपने पिता मुरली धर और बेटे लखपत राम के नाम पर 'एमडीएलआर एयरलाइंस' शुरू की।
कांडा ने गुड़गांव में होटल और मॉल चलाने के लिए गोल्डन ग्लोब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी की स्थापना की, साथ ही साथ गोवा में बीच पर कैसीनो भी बनाया।
2009 में गोपाल कांडा ने राजनीति में कदम रखा
गोपाल कांडा ने राजनीति में कदम साल 2009 में रखा था। साल 2009 में वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे। जिसमें वह तकरीबन छह हजार वोटों से जीत गए थे। इसी जीत के बाद वह राज्य में संकटमोचन बने थे। हरियाणा के कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उन्हें अपने पाले में किया, क्योंकि 90 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 40 सीट पाने की वजह से कांग्रेस को अन्य विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। कांडा को हरियाणा का गृह राज्य मंत्री बनाया गया। उसके बाद उन्हें उन्हें शहरी निकाय, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री भी बनाया गया। लेकिन एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के आत्महत्या मामले में फंसने के बाद उन्हें साल 2012 में इस्तीफा देना पड़ा था।