यूपी में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले जालसाज सक्रिय, फर्जी आईडी से बनाए गए 300 से ज्यादा कार्ड

By राजेंद्र कुमार | Updated: November 2, 2025 16:23 IST2025-11-02T16:23:10+5:302025-11-02T16:23:20+5:30

इस फर्जीवाड़ा के सामने आने पर साचीज के स्टेट नोडल अफसर डॉ.सचिन वैश्य ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. इस मामले में संबंधित अफसरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. 

Fraudsters making fake Ayushman cards are active in UP; more than 300 cards have been created using fake IDs | यूपी में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले जालसाज सक्रिय, फर्जी आईडी से बनाए गए 300 से ज्यादा कार्ड

यूपी में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले जालसाज सक्रिय, फर्जी आईडी से बनाए गए 300 से ज्यादा कार्ड

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कुछ माह पहले आयुष्मान योजना के मरीजों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर मनमानी बिलिंग किए जाने का मामला पकड़ा गया था. अब प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पोर्टल में सेंध लगाकर बड़े पैमाने में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने जाने का मामला सामने आया है. पता चला है कि जालसाजों ने 300 से ज्यादा लोगों के आयुष्मान कार्ड में फर्जीवाड़ा करके 300 गोल्डन कार्ड बनाने का फर्जीवाड़ा किया है.बरेली,शाहजहांपुर और जालंधर के लोगों के कार्ड बनाए जाने का मामला पकड़ा गया है. इस फर्जीवाड़ा के सामने आने पर साचीज के स्टेट नोडल अफसर डॉ.सचिन वैश्य ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. इस मामले में संबंधित अफसरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. 

ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ा  : 

यूपी में  अब तक  5.38 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. यह कार्ड बनाए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है. ऐसे यूपी में हुआ इस फर्जीवाड़ा से सरकार भी सकते में हैं. फिलहाल साचीज के स्टेट नोडल अफसर सचिन वैश्य के अनुसार, अज्ञात आरोपियों ने स्टेट हेल्थ एजेंसी के पोर्टल में अफसरों की लॉग इन से छेड़छाड़ कर पोर्टल से मोबाइल नम्बर हटाकर नए नम्बर दर्ज कर फर्जीवाड़ा किया है. यह फर्जीवाड़ा दीपावली की छुट्टियों के दौरान साचीज के अधिकारियों की फर्जी आईडी बनाकर किया गया. 

इस फर्जीवाड़े का खुलासा लखनऊ के सैदापुर निवासी शिवम पाठक की शिकायत पर हुई जांच से हुआ. इस जांच से यह मालूम हुआ कि आईएसए आईडी यूएसईआर 6801737 से अबुल कलाम के नाम से कार्ड जारी किया गया है. जबकि इस नाम से कोई कार्ड ही नहीं बनाया गया था. इस खुलासे के बाद पूरे मामले की गहनता से जांच की गई तो पता चला कि करीब 300 से अधिक आयुष्मान कार्ड फर्जी तरीके से बनाए गए हैं. इस मामले की जानकारी यूआईडीएआई के उप महानिदेशक को दी गई. इसके बाद साचीज ने सभी कार्डों को अवैध घोषित करते हुए फर्जी माने गए 300 कार्ड से उपचार पर क्लेम के भुगतान पर भी रोक लगा दी है.  

ऐसे बनाए गए फर्जी कार्ड : 

सचिन वैश्य के अनुसार, स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) द्वारा संचालित आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत आयुष्मान कार्ड जारी होते हैं. इस कार्ड के जरिये मुफ्त चिकित्सा की सुविधा मिलती है. इस व्यवस्था में सेंध लगाकर 300 फर्जी गोल्डन कार्ड बनाए गए. इन फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले जालसाजों ने कार्ड को अनुमोदित करने के लिए साचीज के सक्षम अधिकारियों की फर्जी आईडी बनाई थी. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पोर्टल पर कार्ड के लिए अनुमोदन करने वाले अधिकारियों के वही मोबाइल नंबर जुड़े थे, जो उनके आधार कार्ड में संलग्न हैं. फर्जीवाड़ा करने वालों ने पोर्टल पर मोबाइल नंबर ही बदल दिया, जिससे ओटीपी संबंधित अधिकारी के पास जाने के बजाय उनके पास जाए. 

इसी ओटीपी नंबर से नए आयुष्मान कार्डों को अनुमोदित किया गया. साचीज की ओर से अनुमोदन में लगे अधिकारियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है. राज्य की मुख्य कार्यपालक अधिकारी साचीज अर्चना वर्मा का कहना है कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है. पुलिस के साथ विभागीय जांच भी शुरू की गई है. आईपी एड्रेस मैपिंग की जा रही है। जिन आईडी से अनाधिकृत कार्ड बन चुके हैं, उन्हें तत्काल संदिग्ध श्रेणी में डालने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. जल्दी ही जालसाजों को पकड़ा जाएगा. इसके साथ ही बीते छह माह में जारी किए गए अन्य कार्ड की भी जांच कराने का भी फैसला किया गया. 
 

Web Title: Fraudsters making fake Ayushman cards are active in UP; more than 300 cards have been created using fake IDs

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