दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका कड़कड़डूमा कोर्ट ने की खारिज
By अनुराग आनंद | Updated: May 2, 2020 18:10 IST2020-05-02T17:17:13+5:302020-05-02T18:10:54+5:30
दिल्ली हिंसा मामले में ताहिर हुसैन पर अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है।

ताहिर हुसैन
नई दिल्ली:दिल्ली की एक अदालत ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है। फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा से संबंधित एक मामले में ताहिर हुसैन आरोपी हैं। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ कठोर अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है। एक वकील ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस मामले पिछले दिनों अन्य आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अकरम खान ने बताया था कि पुलिस ने पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां और कार्यकर्ता खालिद सैफी को भी गिरफ्तार किया है। हुसैन को उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान खुफिया ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की कथित हत्या के सिलसिले में पहले ही गिरफ्तार किया गया था।
A Delhi Court rejects the bail plea of Tahir Hussain, who is an accused in a case related to violence in North-East Delhi in February 2020. (File pic) pic.twitter.com/c74H9mr0FT
— ANI (@ANI) May 2, 2020
दिल्ली पुलिस पहले ही जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों-- मीरान हैदर और सफूरा जरगर के खिलाफ इस कानून के तहत मामला दर्ज कर चुकी है। दोनों ही उत्तरपूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जरगर जामिया समन्वय समिति का मीडिया समन्वयक है और हैदर उसका सदस्य है। प्राथमिकी में पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा ‘सुनियोजित साजिश’ थी जिसे जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और अन्य दो ने कथित रूप से रचा था। इन विद्यार्थियों पर राजद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमन्य फैलाने और दंगा फैलाने को लेकर भी मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि खालिद ने दो स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिया था और अंतराष्ट्रीय स्तर पर इस दुष्प्रचार के प्रसार के लिए कि कैसे भारत में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया जाता है, लोगों से सड़कों पर उतरने और उन्हें जाम कर देने की अपील की थी । प्राथमिकी के अनुसार साजिश के तहत विभिन्न घरों में हथियार, पेट्रोल बम, तेजाब की बोतलें और पत्थर जमा किये गये।
प्राथमिकी के अनुसार महिलाओं और बच्चों से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर सड़कें जाम करवायी गयी ताकि आसपास के लोगों में तनाव पैदा किया जा सके। उत्तरपूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा फैलने के साथ ही 24 फरवरी को सांप्रदायिक संघर्ष छिड़ गया। उसमें 53 लोगों की जान चली गयी और 200 लोग घायल हो गये।