तबलीगी कार्यक्रम में शामिल, दिल्ली पुलिस 294 विदेशियों के खिलाफ 15 नए आरोपपत्र दायर करेगी
By भाषा | Published: May 27, 2020 03:05 PM2020-05-27T15:05:54+5:302020-05-27T15:06:59+5:30
दिल्ली पुलिस एक्शन के मूड में है। तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए 294 विदेशियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करेगी। इसमें कई देश के नागरिक हैं। इसस पहले पुलिस ने 83 के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच वीजा शर्तों का उल्लंघन कर यहां निजामुद्दीन में एक धार्मिक आयोजन में भाग लेने और धर्म के प्रचार-प्रसार की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 294 विदेशियों के खिलाफ 15 नए आरोपपत्र दायर करेगी।
पुलिस ने बुधवार को कहा कि मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और कई अफ्रीकी देशों समेत 14 देशों के 294 नागरिकों के खिलाफ साकेत की एक अदालत में आरोपपत्र दायर किए जाएंगे। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 82 विदेशियों के खिलाफ 20 आरोपपत्र दायर किए थे।
राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में मार्च में तबलीगी जमात ने एक बड़े धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो बाद में देश में कोरोना वायरस का प्रमुख केंद्र बनकर सामने आया। इसमें भाग लेने वाले कुछ लोग बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए और उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में अपने गृह नगरों की यात्रा की थी। केंद्र और राज्य सरकारों के उनकी पहचान के लिए ‘‘बड़ा अभियान’ चलाने के बाद देश में 25,500 से ज्यादा तबलीगी सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों को पृथक किया गया।
दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 महामारी के दौरान वीजा नियमों का उल्लंघन कर यहां निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने तथा मिशनरी गतिविधियों में शामिल होने के मामले में 82 विदेशियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। अधिकारियों ने बताया कि 20 देशों से संबंध रखने वाले इन विदेशियों के खिलाफ पुलिस ने 20 आरोपपत्र दायर किए हैं और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस जमील ने आरोपपत्र पर विचार के लिए 12 जून की तारीख निर्धारित की है।
आरोपपत्र के अनुसार इन आरोपियों में अफगानिस्तान, ब्राजील, चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कजाकिस्तान, मोरक्को, ब्रिटेन, यूक्रेन, मिस्र, रूस, जॉर्डन, फ्रांस, ट्यूनीशिया, बेल्जियम, अल्जीरिया, सऊदी अरब, फिजी और सूडान तथा फिलीपीन के लोग शामिल हैं। तबलीगी जमात ने मार्च में यहां निजामुद्दीन क्षेत्र में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था जो कोरोना वायरस के प्रसार का एक बड़ा ‘हॉटस्पॉट’ बनकर उभरा था। देश में अप्रैल में कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि हुई और तबलीगी जमात के कायर्क्रम में शामिल हुए सैकड़ों लोग कारोना वायरस से संक्रमित पाए गए। निजामुद्दीन मरकज में आयोजित कार्यक्रम में विदेशियों सहित कम से कम नौ हजार लोग शामिल हुए थे।
कार्यक्रम के बाद अनेक लोग अपने गृह राज्यों तथा देश के अन्य क्षेत्रों में चले गए थे। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इन लोगों की पहचान के लिए चलाए गए एक बड़े अभियान के बाद इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों को पृथक-वास में रखा गया। पुलिस ने कहा, ‘‘उन्होंने न सिर्फ कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी दिशा-निर्देशों और महामारी अधिनियम से संबंधित नियम-कानूनों का उल्लंघन किया, बल्कि आपदा प्रबंधन कानून और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 का उल्लंघन किया।’’
निजामुद्दीन थाना प्रभारी की शिकायत पर 31 मार्च को थाने की अपराध शाखा में तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कंधालवी तथा छह अन्य के खिलाफ महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन कानून 2005 और विदेशी अधिनियम तथा भादंसं की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने बताया कि कार्यक्रम में शामिल हुए कुछ लोगों की कोरोना वायरस से मौत के बाद कंधालवी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार टूरिस्ट वीजा पर भारत आए विदेशी नागरिक मरकज में आयोजित कार्यक्रम में ‘‘अवैध रूप से’’ शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि वीजा नियमों का उल्लंघन करने के साथ ही इन विदेशी नागरिकों ने ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी जिससे बड़े पैमाने पर संक्रामक रोग फैला और इनके साथियों तथा आम जनता की जान को खतरा पैदा हुआ। पुलिस ने कहा कि मामले में आरोपी 900 से अधिक विदेशी नागरिक 34 विभिन्न देशों से ताल्लुक रखते हैं और विदेशी कानून, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन कानून तथा भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत देश-वार आरोपपत्र तैयार किए जा रहे हैं। संबंधित दंड संहिताओं में विभिन्न अपराधों के लिए छह महीने से लेकर आठ साल की कैद तक का प्रावधान है।