Lockdown extension: 100 km पैदल चलने से 12 वर्षीय बालिका की मौत, मजदूर एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज
By भाषा | Published: April 24, 2020 05:40 PM2020-04-24T17:40:43+5:302020-04-24T17:40:43+5:30
देश भर में लॉकडाउन है। यह 3 मई तक रहेगा। इस बीच कई राज्य में काम कर रहे प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए कितने किलोमीटर तक पैदल ही यात्रा कर रहे हैं।
बीजापुरः छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सौ किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद 12 वर्षीय बालिका की मौत के मामले में पुलिस ने मजदूरों के एजेंट के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की है।
बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि इस महीने की 18 तारीख को जिले के भंडारपाल गांव के करीब 100 किलोमीटर पैदल चलने के बाद 12 वर्षीय बालिका जमलो मड़कम की मौत हो गई थी। जमलो और उसके परिजन पड़ोसी राज्य तेलंगाना से वापस अपने गांव आदेड़ आ रहे थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जमलो 11 अन्य लोगों के साथ थी। यह समूह तेलंगाना के मुलगु जिले के अंतर्गत कन्हाइगुड़ा गांव में मिर्च के खेत में काम करने गया था। लॉकडाउन शुरू होने के बाद यह समूह वापस पैदल अपने गांव लौट रहा था। उन्होंने बताया कि कन्हाईगुड़ा गांव निवासी किसान संतोष मंचला ने खेत से मिर्च तोड़ने के लिए मजदूरों के लिए फरवरी माह में एजेंट सुनीता मड़कामी से संपर्क किया था। मंचला ने सुनीता को इसके लिए अग्रिम भुगतान के रूप में 10 हजार रुपये दिये थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पेशगी मिलने के बाद सुनीता अपने गांव से 11 मजदूरों को कन्हाइगुड़ा ले गई जिसमें जमलो और चार अन्य नाबालिग भी थे। जब देश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन शुरू हुआ तब मजदूर वहीं फंस गए और 15 अप्रैल को जंगल के रास्ते अपने गांव के लिए पैदल ही निकल गए। उन्होंने बताया कि सफर के दौरान जमलो खेत में गिर गई थी और उसे चोट भी पहुंची थी लेकिन समूह ने उसका इंतजार नहीं किया और वह चलते रहे।
इस महीने की 18 तारीख को बालिका ने खाना खाया और पेट दर्द की शिकायत की और बाद में इलमिरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत भंडारपाल गांव के करीब बालिका की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब बालिका की मृत्यु हुई तब उसके नमूने को कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजा गया। वहीं जब उसके शव का पोस्टमॉर्टम किया गया तब पाया गया कि उसकी पसली की हड्डी टूट गई थी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि पैदल चलने के दौरान बालिका को जब चोट पहुंची तब सुनीता मड़कामी जो मजदूरों के साथ थी ने उसका इलाज नहीं कराया और बालिका को पैदल चलाते रहे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद पुलिस ने सुनीता के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-304 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं श्रम निरीक्षक बीजापुर की शिकायत पर भादंवि की धारा 370 और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक और मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालिका के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।