बुराड़ी केस: 11 रजिस्टरों में लिखी स्क्रीप्ट ने खोला चुंडावत परिवार की सामुहिक मौत का रहस्य
By कोमल बड़ोदेकर | Updated: July 5, 2018 07:54 IST2018-07-05T07:51:16+5:302018-07-05T07:54:35+5:30
दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों की मौत के रहस्य से पर्दा उठ चुका है। बुराड़ी के रहने वाले चुंडावत परिवार के 11 सदस्यों की मौत को सुलझाने में क्राइम ब्रांच सफलता हासिल हुई है। पुलिस को छानबीन के दौरान घर से करीब 11 रजिस्टर मिले हैं जिनमें इस रहस्मयी मौत की पूरी स्क्रीप्ट लिखी हुई है।

बुराड़ी केस: 11 रजिस्टरों में लिखी स्क्रीप्ट ने खोला चुंडावत परिवार की सामुहिक मौत का रहस्य
नई दिल्ली, 5 जुलाई। दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों की मौत के रहस्य से पर्दा उठ चुका है। बुराड़ी के रहने वाले चुंडावत परिवार के 11 सदस्यों की मौत को सुलझाने में क्राइम ब्रांच सफलता हासिल हुई है। पुलिस को छानबीन के दौरान घर से करीब 11 रजिस्टर मिले हैं जिनमें इस रहस्मयी मौत की पूरी स्क्रीप्ट लिखी हुई है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि, 11 मौतों की कहानी की शुरुआत 11 साल पहले 2007 में तब हुई जब परिवार के मुखिया भोपाल सिंह की मौत हो गई थी।
इसके बाद से ही परिवार के सबसे छोटे बेटे ललित के अंदर उसके पिता की 'आत्मा' आने लगी। ललित 11 साल से पिता की आत्मा आने के बाद पिता की आवाज में परिवार से बात करता था। उन्हें क्या फैसला लेना है, वो पिता की आत्मा आने के बाद ललित ही लेता था। परिवार के 11 सदस्यों को यकीन हो चुका था कि ललित के अंदर उसके पिता की आत्मा आ जाती है।
हांलाकि पुलिस ने अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया है कि इन 11 रजिस्टरों में क्या लिखा है, लेकिन इन रजिस्टरों में लिखी स्क्रीप्ट से पुलिस अंदाजा लगा रही है कि साल 2007 में हुई पिता की मौत के बाद से ही इस रहस्मयी मौत की स्क्रीप्ट लिखी जा रही है।
इन रजिस्टरों में लिखा है कि 11 साल में ललित ने पिता की आत्मा आने के बाद जो फैसले लिए उसकी वजह से परिवार की काफी तरक्की हुई। एक दुकान से तीन दुकान हो गईं। घर भी अब दोबारा बनाया जा रहा था। प्रियंका मांगलिक थी जिसकी वजह से उसकी शादी नहीं हो रही थी। पिता के कहने पर जब एक ख़ास पूजा करने के बाद 17 जून को उसकी शादी एक अच्छे लड़के से तय होने के बाद सगाई भी हो गई तो परिवार काफी खुश था।
पुलिस ने जब इन रजिस्टरों को पढ़ा तो पाया कि परिवार का खुदकुशी का कोई इरादा नहीं था। यह तपस्या वे अपने अच्छे भविष्य के लिए कर रहे थे, लेकिन एक हादसे के तौर पर उनकी मौत हो गई। इनमें से भूपी, ललित और टीना के हाथ खुले हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह परिवार बरगद की तपस्या करके अपने परिवार की खुशहाली के लिए यह पूजा कर रहा था जो 7 दिन से चल रही थी। एक आत्मा को खुश करने के चक्कर में 11 लोगों की जान चली गई।
गौरतलब है कि चुंडावत परिवार के 11 सदस्यों में से दस गत रविवार को फंदे पर लटके पाये गये थे जबकि 77 वर्षीय नारायण देवी का शव मकान के एक अन्य कमरे में फर्श पर पड़ा मिला था। देवी की बेटी प्रतिभा (57), उनके दो पुत्र भवनेश (50) और ललित (45) भी मृतकों में शामिल हैं। भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15) भी मृत मिले थे।
ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उसका 15 वर्षीय पुत्र शिवम भी मृत पाया गया था। प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) की पिछले महीने ही सगाई हुई थी और उसकी इस वर्ष के अंत में शादी होने वाली थी। प्रियंका भी फंदे पर लटकी मिली थी।
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