Bulli Bai Case: 'बुली बाई' मामले में शिकायतकर्ता को धमकाने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज
By रुस्तम राणा | Updated: January 10, 2022 18:12 IST2022-01-10T18:12:20+5:302022-01-10T18:12:20+5:30
मुंबई पुलिस ने 'बुली बाई' ऐप मामले में शिकायतकर्ता को कथित रूप से धमकाने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया है।

Bulli Bai Case: 'बुली बाई' मामले में शिकायतकर्ता को धमकाने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज
मुंबई: मुंबई पुलिस ने 'बुली बाई' ऐप मामले में शिकायतकर्ता को कथित रूप से धमकाने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया है। पुलिस इस मामलें यह जांच कर रही है कि शिकायतकर्ता का नंबर अज्ञात लोगों तक कैसे पहुंचा। उधर, इस केस में आरोपी श्वेता सिंह और मयंक रावत को बांद्राकोर्ट ने 14 जनवरी तक पुलिस कस्टडी में भेजा है।
इससे पहले दोनों को 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा गया था। वहीं मामले में तीसरे आरोपी विशाल झा को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मेडिकल ऑब्जर्वेशन के तहत न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
Mumbai Police has registered a non-cognizable offence against an unknown person for allegedly threatening the complainant in 'Bulli Bai' app case and is investigating how the complainant's numbers reached unknown persons: Police
— ANI (@ANI) January 10, 2022
आरोपी श्वेता सिंह और मयंक रावत की कस्टडी बढ़ाने के लिए मुंबई पुलिस ने कोर्ट से मांग की थी। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि वे प्रोटॉन मेल का उपयोग कर रहे थे, जिसके आईपी एड्रेस से अंकित का पता लगाया जा सकता है। सोशल प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक सामग्री फैलाने के लिए आरोपी 10-12 मल्टीपल अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे थे। सभी खाते प्रॉक्सी और छिपे हुए आईपी पते थे जो जांच को गुमराह करने के लिए थे। कोर्ट ने मुंबई पुलिस की बात को मानते हुए दोनों की हिरासत बढ़ा दी।
वहीं नीरज बिश्नोई इस मामले में गिरफ्तार होने वाला चौथा आरोपी है। असम के जोरहाट का रहने वाला नीरज बिश्नोई वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल में बीटेक (कंप्यूटर साइंस) का सेकेंड ईयर स्टूडेंट है। नीरज को दिल्ली पुलिस के द्वारा असम से गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि बुल्ली बाई मोबाइल ऐप्लिकेशन पर 'नीलामी' के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं का नाम डाला गया था और बिना अनुमति के उनकी तस्वीरें लगाई गई थीं। तस्वीरों से छेड़छाड़ भी की गई थी। यह ऐप 'सुली डील' की तरह है, जिससे पिछले साल इसी तरह का विवाद पैदा हुआ था।