बुलंदशहर हिंसा के पुलिस द्वारा बताया जा रहा मुख्य आरोपी योगेश राज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में योगेश ने खुद को निर्दोष बता रहा है। इस वीडियो में वह कह रहा है कि भगवान इंसाफ करेगा और उसे भगवान पर पूरा भरोसा है। योगेश ने कहा, पुलिस ने इसे इस तरीके से पेश किया है जैसे मानिए मेरा कोई लंबा आपराधिक रिकॉर्ड रहा हो।
आइए सुनते हैं योगेश राज ने वीडियो में क्या कहा है...
''मैंन योगेश राज, जिला संयोजक बजरंग दल बुलंदशहर। जैसा कि आप बुलंदशहर के स्याना में हुई गोकशी प्रकरण को देख रहे होंगे। पुलिस मुझे इस प्रकार प्रस्तुत कर रही है, जैसे कि मेरा कोई बहुत बड़ा आपराधिक इतिहास हो। मैं आप सब लोगों को यह बताना चाहता हूं कि उस दिन दो घटनाएं घटित हुई थी। पहली घटना स्याना के नजदीक गांव महाव में गोकशी की हुई। जिसकी सूचना पाकर मैं अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचा था। प्रशासनिक लोग भी वहां पर पहुंचे थे और मामले को शांत करके हमलोग अपने साथियों के साथ स्याना थाने में मुकदमा लिखवाने आ गया था। थाने में बैठे-बैठ जानकारी मिली कि गांव वालों पथराव कर दिया है। जहां फायरिंग हुई है और युवक को गोली लगी है और एक पुलिस वाले को भी गोली लगी है। जब हमारी मांग मानकर स्याना थाना में केस दर्ज किया जा रहा था तो मैं विरोध क्यों करता। गांव में जहां दूसरी घटना हुई मैं वहां मौजूद नहीं था। मेरा दूसरी घटना से कोई लेना देना नहीं है। ईश्वर मुझे न्याय दिलाएंगे, ऐसा मेरा भगवान पर पूर्ण भरोसा है।"
कौन है योगेश राज
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, योगेश राज पहले एक प्राइवेट नौकरी करता था। साल 2016 में योगेश बजरंग दल का जिला संयोजक बना। बजरंग दल का जिला संयोजक बनने के बाद वह नौकरी को छोड़कर पूरी तरह संगठन के लिए काम करने लगा। योगेश राज के घर की दीवार पर अखंड भारत का नक्शा भी है। इसमें जिक्र है कि भारत कब-कब बंटा है।
पहले भी कई मामले योगोश राज पर हो चुके हैं दर्ज
योगेश राज स्याना के नया बांस गांव का निवासी है। इसपर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं। कई विवादों में इसका नाम आ चुका है। पुलिस ने इसपर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 333, 353, 427, 436, 394 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। हिंसा को भड़काने के लिए आरोपी अपेन साथ एक मंडली को भी लेकर गया था।
पुलिस ने इससे पहले भी योगेश के कहने पर सात गौहत्या का केस दर्ज करवाया चुका है। उसने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाकर ये बात बताई थी कि वह अपने दोस्तों के साथ गांव के जंगल में घूम रहा था तब उसने गांव के गोतस्करों को गाय को मारते हुए देखा। इसके बाद उन्होंने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भाग निकला।
क्या था पूरा बुलंदशहर हिंसा मामला
बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गौहत्या की अफवाह के बाद फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में 27 लोग नामजद और 60 पर FIR दर्ज की गई है। सीएम योगी ने जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया है। जिसकी छह टीम अलग-अलग तरीके से जांच कर रही है लेकिन फिर भी मामले में मुख्य आरोपी योगोश कुमार को पकड़ने में असफल है।
यूपी पुलिस का कहना- बुलंदशहर में हुई हिंसा जानबूझकर की गई साजिश
बुलंदशहर में हुई हिंसा की घटना पुलिस को किसी की शरारत नहीं बल्कि जानबूझकर बाबरी मस्जिद कांड की बरसी से पहले सामाजिक सौहार्द खराब करने की कोशिश लग रही है। घटना की जांच के दौरान पुलिस इस बात पर खास तवज्जोह दे रही है कि आखिर गौकशी के लिए यह तारीख क्यों और किसने चुनी?
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बुधवार को बातचीत में कहा, ‘‘मैं इसे सिर्फ कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं मानता। यह किसी साजिश का हिस्सा था और हम इसकी जांच कर रहे हैं। हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर गौकशी कर उसके हिस्से खेतों में फेंकने के लिए तीन दिसंबर की तारीख क्यों चुनी।’’
उन्होंने बताया कि इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है, एक गौकशी की और दूसरी उसके बाद हुई हिंसा की। दोनों मामलों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों प्राथमिकियों में नामजद लोगों की पहचान जाहिर नहीं की जा रही है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) से कहा है कि वह पता करे कि इस घटना और उसके षड्यंत्र के पीछे किसका हाथ है।’’
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)