बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती थाना ईलाके के विनोबा टोला में तांत्रीक के बहाकवे में आकर एक शख्स ने अपने 12 वर्षीय भतीजे की बली चढ़ा दी. किसी तांत्रिक ने उसे दीपावली की रात घर के ही किसी बच्चे की नरबलि देने को कहा था. इसके बाद शिवनंदन दास ने अपने भतीजे कन्हैया कुमार की बलि दे दी. कन्हैया सिकंदर दास का पुत्र था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवनंदन दास की कोई संतान नहीं थी. इस कारण उन्होंने दो शादियां की. लेकिन इसके बाद भी उसे संतान प्राप्ति नहीं हुई. शिवनंदन को मिर्गी की भी बीमारी थी, जिसका इलाज वो गांव के एक तांत्रिक से करा रहे थे. इसी क्रम में तांत्रिक ने शिवनंदन से कहा कि अगर वह किसी रिश्तेदार के बच्चे की बलि दे दे तो उसे संतान की प्राप्ति होगी और साथ ही मिर्गी की बीमारी भी खत्म हो जाएगी.
इसके बाद तांत्रिक की बातों में ही आकर शिवनंदन ने सिकंदर दास और मीना देवी के पुत्र कन्हैया कुमार को दीपावली की रात रविवार को बुलाया. उस समय कन्हैया अपने घर के हुक्का-पाती खेलने की तैयारी कर रहा था.
कन्हैया तीसरी कक्षा का छात्र था. शिवनंदन ने कहा कि चलो तुमको पटाखा दिलाते हैं. उस समय उसकी मां मीना देवी भी वहीं थी. शिवनंदन बच्चे को लेकर चला गया. जब देर रात तक कन्हैया नहीं लौटा तो उसकी मां ने काफी खोजबीन की. लेकिन कुछ पता नहीं चला. आज सुबह घटना के बारे में सभी को जानकारी हुई.
सुबह ग्रामीणों ने घर के सामने ही कुछ देरी पर बसबिट्टी में कन्हैया की सिर कटी हुई लाश देखी. उसी जगह एक कद्दू भी कटा हुआ था. ग्रामीणों ने अनुसार ऐसा प्रतीत हुआ कि पहले कद्दू की बलि दी गई, फिर कन्हैया की.
बताया जाता है कि मृतक कन्हैया के पिता सिकंदर दास पंजाब में मजदूरी करते हैं. वहीं, कन्हैया का बड़ा भाई कृष्णा भी अपने पिता के साथ ही मजदूरी करता था. कन्हैया सबसे छोटा था. घर में कन्हैया, कन्हैया की मां मीना देवी और मीना देवी का एक और पुत्र चंदन रहता था.
घटना की सूचना आज पीरपैंती थाना को दी गई. एसडीपीओ डॉ रेषु कृष्णा सहित थानाध्यक्ष व अन्य पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेज दिया. वहीं, तांत्रिक विलास मंडल सहित शिवनंदन दास व अन्य लोग गांव से फरार हैं. पुलिस दोनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.