बिहार: मुंगेर के बरदह गांव से अब तक 22 एके-47 रायफल बरामद
By एस पी सिन्हा | Published: August 24, 2019 08:37 PM2019-08-24T20:37:20+5:302019-08-24T20:37:20+5:30
बाहुबली विधायक अनंत सिंह के पुश्तैनी मकान से एके-47 बरामद होने के मामले के बाद बदमाशों से भी ये रायफलें बरामद होने की खबरें आ रही हैं। बिहार पुलिस के लिए ऐसे बदमाश सिरदर्द बने हुए हैं।
बिहार के अपराधियों के पास पहले से ही एके-47 मौजूद हैं. इस बात का खुलासा होने के बाद बिहार में पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. एक अनुमान के मुताबिक केवल पटना जिला के अपराधियों के पास कम से कम आधा दर्जन से अधिक एके-47 मौजूद हैं. लेकिन, इनको बरामद करने में पुलिस विफल रही है. अपराधी पकड़ कर जेल भी भेजे गये, लेकिन उन लोगों से एके-47 की जानकारी पुलिस नहीं ले पाई और न ही बरामद किया जा सका.
बताया जाता है कि पटना में मर्डर की कई घटनाएं हुई, जिसमें एके-47 का उपयोग किया गया. आमतौर पर यह हथियार केवल पुलिस या सेना के पास ही होती है. लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की हत्या में दो एके-47 के इस्तेमाल की बात सामने आई थी. कुछ की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन एके-47 बरामद नहीं कर पाई. वहीं, बिहटा के मनोज सिंह गिरोह के पास भी एके-47 है. बिहटा के रंजीत चौधरी के पास भी एके-47 राइफल होने की चर्चा थी. रंजीत भी पकड़ा गया लेकिन हथियार बरामद नहीं हो सकी. जबकि 11 मई, 2018 को अनिसाबाद में पूर्व डिप्टी मेयर के पति की हत्या में भी एके-47 हथियार के प्रयोग की बात सामने आई थी. लेकिन इसे बरामद नहीं किया जा सका. वहीं, पुलिस मुठभेड़ में मारे गये नौबतपुर के कुख्यात मुचकुंद के पास भी एके-47 राइफल थी. मुजफ्फरपुर में समीर सिंह हत्याकांड में भी वह शामिल था और उनकी भी इसी से हत्या हुई थी, लेकिन एके-47 बरामद नहीं हो पाई.
यहां बता दें कि मुंगेर के बरदह गांव से अबतक 22 एके-47 के साथ ही 35 मैगजीन व इसके स्पेयर पार्ट्स बरामद हो चुके हैं. एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें सेना का एक जवान रियाजुल रहमान भी है. जबलपुर में भी सेंट्रल ओर्डिनेंस डिपो के रिटायर आर्मोरर पुरुषोत्तम व स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर की गिरफ्तारी हो चुकी है. खराब एके-47 स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर की मिलीभगत से निकाली जाती थी.
सूत्रों की मानें तो खराब एके-47 व मैगजीन अलग-अलग रखा जाता था. मैगजीन चोरी में इसकी संलिप्तता थी, इसकी भी जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद ही असली वजह सामने आएगी. इस तरह सेंट्रल ओर्डिनेंस डिपो जबलपुर से चोरी कर मुंगेर के हथियार माफिया से बेचे गये एके 47 की जांच का दायरा दिनोदिन बढ़ता जा रहा है. अपराधियों व नक्सलियों के साथ ही आतंकियों को भी उपलब्ध कराने की बात सामने आ रही है. 2012 के बाद से हुए आतंकी हमले में प्रयोग किये गये एके- 47 के तार मुंगेर के हथियार माफिया से जुड़े होने से भी इंकार नहीं किया जा रहा है. इसी तरह बिहार व झारखंड में हुए वारदात में प्रयोग किये गये एके 47 अपराधियों को मुंगेर से उपलब्ध कराने की जांच चल रही है.
बताया जाता है कि 70-80 एके- 47 बेचने वाला जबलपुर का आर्मोरर पुरुषोत्तम रजक सेन्ट्रल ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया से सेवानिवृत्त हुआ. इसी फैक्ट्री में खराब एके- 47 को रिपेयर किया जाता है व बेकार एके-47 को गलाया भी जाता है. 2012 से 2018 तक सीनियर स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर द्वारा वर्ष आर्मोरर पुरुषोत्तम को सिर्फ 70-80 एके-47 देने की बात पर सुरक्षा एजेंसियां के साथ जबलपुर एवं मुंगेर पुलिस को यकीन नहीं हो रहा है.
इस मामले में सीओडी के सिविलियन अधिकारी, आईबी, सेना व इंटेलिजेंस की टीम पुरुषोत्तम एवं सुरेश ठाकुर से गहन पूछताछ कर वास्तविक आंकड़े को पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. दूसरी ओर मुंगेर पुलिस जबलपुर से उन अभियुक्तों को ट्रंजिट रिमांड पर लेकर मूल खरीदार व तीन-तीन एके-47 के साथ गिरफ्तार इमरान व शमशेर आलम तथा सूत्रधार उसका बड़ा भाई भाई आर्मी में पदस्थापित नियाजुल रहमान से क्रॉस पूछताछ करेगी.