बीच सड़क नीतीश कुमार ने कहा, फोन उठाया करिए डीजीपी साहब, फटकार के बाद जागे, जारी किया अपना फोन नंबर, कर सकते हैं संपर्क

By एस पी सिन्हा | Published: January 15, 2021 07:32 PM2021-01-15T19:32:18+5:302021-01-16T12:17:53+5:30

बिहार के डीजीपी के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी अपराध की घटना के लिए नीचे दिए गए फोन नंबर पर डीजीपी से संपर्क किया जा सकता है. 

bihar patna cm nitish kumar dgp sk singhal issue mobile number for journalist rupesh singh murder case | बीच सड़क नीतीश कुमार ने कहा, फोन उठाया करिए डीजीपी साहब, फटकार के बाद जागे, जारी किया अपना फोन नंबर, कर सकते हैं संपर्क

रुपेश हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पत्रकारों के बीच आज काफी देर तक बहस होती रही. (file photo)

Highlightsमीडियावालों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि प्रदेश के डीजीपी किसी का फोन नहीं उठाते हैं.मुख्यमंत्री को चुनौती दी गई कि वह खुद डीजीपी को फोन लगाकर देख लें.शिकायत को दूर करने का प्रयास जरूर शुरू कर दिया और आनन फानन में एक विज्ञप्ति जारी कर दिया गया.

पटनाः बिहार में लगातार बढ़ते अपराध के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार पुलिस के डीजीपी को फटकार लगाई थी, जिसके बाद डीजीपी एसके सिंघल ने अपना फोन नंबर जारी किया है.

बिहार के डीजीपी के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी अपराध की घटना के लिए नीचे दिए गए फोन नंबर पर डीजीपी से संपर्क किया जा सकता है. दरअसल, आज मीडियावालों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि प्रदेश के डीजीपी किसी का फोन नहीं उठाते हैं.

मुख्यमंत्री को चुनौती दी गई कि वह खुद डीजीपी को फोन लगाकर देख लें. मीडिया के इस चुनौती ने उस समय कितनी गंभीरता से लिया, यह कहना मुश्किल है. लेकिन पुलिस मुख्यालय ने मीडिया के इस शिकायत को दूर करने का प्रयास जरूर शुरू कर दिया और आनन फानन में एक विज्ञप्ति जारी कर दिया गया.

डीजीपी का फोन नंबर जारी कराया गया

जिसमें डीजीपी का फोन नंबर जारी कराया गया, साथ ही बताया गया कि इन नंबर पर कॉल कर डीजीपी से बात की जा सकती है. डीजीपी कार्यालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में लिखा है, 'प्रेस और मीडिया कर्मी पुलिस महानिदेशक बिहार से आवश्यक बातचीत, किसी भी सूचना एवं जानकारी हेतु फोन नंबर 09431602302 और टेलीफोन नंबर 0612- 2294301/ 2294302 पर संपर्क कर सकते हैं.' 

यहां बता दें कि बिहार में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और पटना में रुपेश हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पत्रकारों के बीच आज काफी देर तक बहस होती रही. यह सब कुछ सार्वजनिक तौर पर हुआ. मुख्यमंत्री तकरीबन 10 मिनट तक पत्रकारों से उलझते रहे.

नीतीश कुमार यह आरोप लगाने से भी नहीं चूके कि पत्रकार विपक्ष की भाषा बोल रहे हैं

पत्रकार सवाल दागते रहे और नीतीश कुमार यह आरोप लगाने से भी नहीं चूके कि पत्रकार विपक्ष की भाषा बोल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस दौरान मीडिया के सामने यह भी कहा कि अगर आपको किसी अपराध के बारे में जानकारी मिलती है तो सीधा हमें बताइए. मुख्यमंत्री के इतना कहने के बाद पत्रकारों ने उनसे उल्टे सवाल कर दिया.

मीडिया ने पूछा कि आखिर वह सूचना दें तो किसे दें? नीतीश कुमार ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि जानकारी सीधे बिहार के डीजीपी को दीजिए. तब पत्रकारों ने यह आरोप लगाया कि बिहार के डीजीपी फोन नहीं उठाते हैं.

एसके सिंघल तुरंत हरकत में आ गए और फोन की दो रिंग के बाद ही उठा लिया

मीडिया कर्मियों की तरफ से बार-बार यह कहे जाने के बाद कि डीजीपी को फोन मिला कर देख लीजिए, वह फोन नहीं उठाते है तो नीतीश कुमार ने खुद डीजीपी को फोन मिला दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन घुमाते ही डीजीपी एसके सिंघल तुरंत हरकत में आ गए और फोन की दो रिंग के बाद ही उठा लिया. तब नीतीश कुमार ने यह कहा कि फोन उठाया करिए डीजीपी साहब.

यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में बीते एक महीने में कई बडी आपराधिक घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है. बीते दिनों दरभंगा में सोना लूटकांड, बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में बैंक लूट कांड और पटना में इंडिगो मैनेजर की हत्या से बिहार पुलिस की इकबाल को लेकर सवाल किया जा रहा है. वहीं अपराध घटना के बाद भी बिहार में पुलिस अब तक कई बडे़ मामलों में जांच तक नहीं पहुंच पाई है. जिसके बाद बिहार पुलिस के अनुसंधान पर भी सवाल उठने लगा है.

डीजीपी द्वारा नंबर जारी किए जाने के बाद अपराध पर कुछ नियंत्रण हो

माना जा रहा है कि डीजीपी द्वारा नंबर जारी किए जाने के बाद अपराध पर कुछ नियंत्रण हो. हालांकि यह फोन भी कितने दिनोंतक उठता है, यह प्रश्न बना हुआ है. यही हाल अधिकतर जिलों के एसपी और डीएम की भी है, जो फोन उठाना पसंद नही करते.

कई ऐसे भी दिशा-निर्देश हैं, जो मुख्यमंत्री अथवा डीजीपी की ओर से जारी किये गये, लेकिन उनपर अमल आजतक नहीं किया गया है. जिलों के एसपी और डीएम सहित अधिकतर अधिकारी सरकार के ही आदेशों पर ही अमल करना मुनासिब नही समझते.

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