बिहार में हेल्थ रिपोर्टः कोरोना भय से सामान्य रोगी भी बेमौत मरने को हैं मजबूर, सीवान के सदर अस्पताल ने खोल दी पोल
By एस पी सिन्हा | Updated: July 20, 2020 20:29 IST2020-07-20T20:29:26+5:302020-07-20T20:29:26+5:30
कोरोना के डर से ना ही कोई अस्पताल उन्हें इलाज के लिए भर्ती ले रहा है और ना ही कोई डॉक्टर उन्हें देखना चाह रहा है. जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोग इलाज के अभाव में बेमौत मरने को मजबूर हो रहे हैं.

सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद सिविल सर्जन को इसकी सूचना जिलाधिकारी ने दी. (file photo)
पटनाः बिहार में जारी कोरोना महामारी के खौफ के बीच अब सामान्य रोगी भी बेमौत मरने लगे हैं. हालात ऐसे हो गये हैं कि कोरोना के खौफ से सामान्य रोगियों का भी इलाज नही हो पा रहा है.
एक ओर जहां संक्रमित मरीजों को अपने इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, वहीं, दूसरी ओर सामान्य बीमारी वाले रोगी इलाज के अभाव में दम तोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. कोरोना के डर से ना ही कोई अस्पताल उन्हें इलाज के लिए भर्ती ले रहा है और ना ही कोई डॉक्टर उन्हें देखना चाह रहा है. जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोग इलाज के अभाव में बेमौत मरने को मजबूर हो रहे हैं.
बिहार में तो स्थिति खराब होती दिख रही है, क्योंकि यहां पर कोरोना संदिग्ध मरीज अस्पताल के बाहर पडे़ हुए हैं और उनका इलाज कराने के लिए काफी मिन्नतें की जा रही हैं. बाद में अस्पताल प्रशासन ने महिला को भर्ती कर लिया और उसका इलाज शुरू किया.
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने एक महिला घंटों तक बारिश में तड़पती रही
स्वास्थ्य मंत्री के जिले में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने एक महिला घंटों तक बारिश में तड़पती रही, लेकिन किसी को भी उसे छूने की हिम्मत नहीं हुई. डॉक्टरों के मुताबिक महिला कोरोना संक्रमित नहीं है. सबसे हैरानी इस बात की है कि सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद सिविल सर्जन को इसकी सूचना जिलाधिकारी ने दी.
सीवान के सदर अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली इस तस्वीर के सामने आने के बाद राज्य की स्वास्थ्य वयवस्था की पोल खुल गई. एक महिला सुबह से सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के ठीक आगे गिरी पड़ी थी.
सुबह से लगातार बारिश हो रही थी और वह महिला लगातार भीग भी रही थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ था. इस संबंध में सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा से जब इस पूरे मामले को जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ कर दिया कि वह कोरोना मरीज नहीं है. सीएस शर्मा ने यह भी कहा कि डीएम के द्वारा मुझे सूचना दी गई और हमने तुरंत संज्ञान लिया.
दूसरी तस्वीर भी सीवान जिले के सदर अस्पताल से ही सामने आई है
जबकि दूसरी तस्वीर भी सीवान जिले के सदर अस्पताल से ही सामने आई है. इस वायरल वीडियो वायरल में एक तिमारदार जोर-जोर से चिख रहा है. दरअसल, उसके साथ एक मरीज भी है जो काफी देर से बेड पर लेटकर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहा है. देर तक इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर इलाज के लिए उपस्थित नहीं होते हैं तो सिस्टम से नाराज होकर अस्पाल प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता दिख रहा है.
इस तरह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले के अस्पताल से लगातार तीन बडे मामलों से एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने के बाद यूजर्स की ओर से दावा किया गया कि महिला को अस्पताल प्रशासन ने भर्ती कराया और उसका इलाज शुरू किया.
कहा जा रहा है कि उसका कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा. इससे पहले बिहार से ही एक वीडियो वायरल हो गया जो राजधानी पटना के एनएमसीएच अस्पताल का था. अस्पताल के बाहर एक कोरोना पॉजिटिव मरीज 3 घंटे तक अपनी गाडी में बैठा रहा, लेकिन मौके पर मेडिकल स्टाफ नदारद रहा. वह खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल के बाहर पहुंचा था.
ऐसे कई भयानक दृश्य बिहार के अस्पतालों से सामने आ रहे हैं. सामान्य रोगियों को कोरोना टेस्ट कराकर आने की बात कही जाती है. अगर किसी को भर्ती ले भी लिया जाता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में डालकर अपने कर्तव्य का इतिश्री समझ लिया जा रहा है.
जिससे इलाज के अभाव में कई दम तोड़ दे रहे हैं. निजी अस्पतालों का भी हाल बेहद बुरा है. कोरोना के नाम पर किसी को भर्ती नही लिया जा रहा है. रोगियों को कहा जा रहा है कि पहले कोरोना का जांच कराकर आयें, लेकिन कोरोना का जांच भी बिहार में आसान नही है. परिणामस्वरूप उक्त रोगी के पास मरने के सिवाय और विकल्प होता ही नही है. इसतरह बिहार में सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है.

