Bihar Crime News: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विभु विद्यार्थी व प्रधान लिपिक सत्यनारायण कुमार को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। दोनों एक शख्स से काम कराने के एवज मे तीन लाख रुपए घूस के तौर पर ले रहे थे, तभी निगरानी की टीम ने दोनों को धर दबोचा। दोनों को गिरफ्तार करने के बाद टीम उन्हें अपने साथ ले गई, जहां पूछताछ के बाद उन्हें निगरानी की कोर्ट में पेश किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, निगरानी विभाग को दोनों के बारे में शिकायत मिली थी। शिकायत मिलने के बाद निगरानी की टीम ने जांच में आरोप को सही पाया और दोनों को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया। संयुक्त निदेशक विभू विद्यार्थी और प्रधान लिपिक सत्यनारायण कुमार घूस के तीन लाख रुपए ले रहे थे।
तभी निगरानी की टीम पहुंच गई और दोनों को तीन लाख रुपए कैश के साथ गिरफ्तार कर लिया। निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से अन्य कर्मियों में हड़कंप मच गया है। कहा जा रहा है कि खाद- बीज के दुकानदार को लाइसेंस मुहैया कराने के एवज में नजराना ले रहे थे। पीड़ित दुकानदार ने मामला दर्ज कराया था कि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा तीन लाख रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है।
तीन लाख नहीं देने पर उर्वरक दुकान को अवैध करार कर दिया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित की लिखित शिकायत के आधार पर निगरानी की टीम मीठापुर स्थित कृषि विभाग में छापेमारी करने पहुंची थी। इस दौरान पटना प्रमंडल कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विभु विद्यार्थी और प्रधान लिपिक सत्य नारायण कुमार को तीन लाख कैश के साथ पकड़ा है।
गिरफ्तार सरकारी कर्मी से पूछताछ की जा रही है। विभाग में पदस्थापित अधिकारी ने अकूत संपत्ति बनाया है। निगरानी विभाग संपत्ति की जांच कर रही है। फिलहाल निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। बिहार के बेगूसराय में बांका जिले के शंभूगंज थाना के थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार के आवास पर निगरानी की टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी की थी।
वहां से निगरानी की टीम ने 2 लाख 50000 कैश, 5 लाख के मूल्य के जेवरात और कुछ जमीन के कागजात को जब्त किए थे। निगरानी डीएसपी ने बताया कि 69 लाख आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ था। उसी को लेकर छापेमारी की गई। निगरानी लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ बिहार में कार्रवाई कर रही है।