भीलवाड़ा गैंगरेप: राष्ट्रीय महिला आयोग का आरोप, राजस्थान पुलिस ने गैंगरेप की एफआईआर दर्ज करने में देरी की
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 6, 2023 09:23 AM2023-08-06T09:23:55+5:302023-08-06T09:28:39+5:30
राजस्थान के भीलवाड़ा में नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप और बर्बर हत्या के केस में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने राजस्थान पुलिस को आरोपों के कटघरे में खड़ा किया है।
भीलवाड़ा:राजस्थान के भीलवाड़ा में नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप और बर्बर हत्या के केस में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने राजस्थान पुलिस को आरोपों के कटघरे में खड़ा किया है। एनसीडब्ल्यू की टीम ने बीते शनिवार को घटना स्थल का दौरा करने के बाद कहा कि भीलवाड़ा में नाबालिग लड़की के साथ हुए गैंगरेप और नृशंस हत्या में पुलिस ने घोर लापरवाही बरती है।
आयोग के सदस्यों ने अपराध स्थल का दौरा करने के बाद कहा कि पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में की गई देरी के कारण पीड़िता को जान से हाथ धोना पड़ा। राजस्थान में महिलाओं के प्रति हो रही हिंसक वारदात के संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग की पिछले महीने से अब तक यह चौथी यात्रा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि पुलिस ने नाबालिग के लापता होने के बाद एफआईआर दर्ज करने में देरी की, जिसके कारण अपराधियों को वारदात करने में काफी समय मिला और इसके दूसरी ओर लापता पीड़िता के परिजनों को भयानक सदमे से गुजरना पड़ा।
एनसीडब्ल्यू ने अपनी जांच के आधार पर बताया कि इस जघन्य अपराध में नाबालिग समेत कम से कम 11 आरोपी के शामिल होने का शक किया जा रहा है। जिनमें से 6 को ही पुलिस अब तक हिरासत में ले पाई है और पांच आरोपी फिलहाल लापता हैं।
एनसीडब्ल्यू ने कहा कि पीड़िता के साथ हुए अपराध की गंभीर प्रकृति और को देखते हुए पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द 'न्याय' दिये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि घटना में शामिल अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।
आयोग की एक सदस्य ने कहा, "राजस्थान पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए जिम्मेदार थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया है। आयोग इस बर्बर अपराध के जांच की प्रगति की निगरानी करने और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।"