नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 8,100 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी के मामले में शुक्रवार को अदालत का रुख कर स्टर्लिंग बायोटेक के मालिकों को नए कानून के तहत भगोड़े आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष याचिका दायर की है।
एजेंसी ने नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, दीप्ति संदेसरा और हितेश पटेल को इस साल लाये गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम की धारा चार के तहत भगोड़ा घोषित करने की मांग की है। केंद्र सरकार बैंकों के साथ धोखाधड़ी और इस तरह के अन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिए इस साल यह कानून लाई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “8,100 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में आपराधिक जांच से बचने के लिए स्टर्लिंग समूह के सभी चार प्रवर्तक देश छोड़कर फरार हो गए।”
ईडी के अलावा सीबीआई भी स्टर्लिंग बायोटेक की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जाँच कर रही है।
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच जारी ताजा विवाद का तार भी स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़ा हुआ है। सटर्लिंग बायोटेक मामले में अस्थाना की भूमिका संदिग्ध है और सीबीआई इसकी जांच कर रही है।अस्थाना ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
आरोपियों के परिवार का 5 हजार करोड़ जब्त करने की मांगी इजाजत
एजेंसी ने भगोड़ा कानून के तहत वडोदरा स्थित कारोबारी परिवार की 5,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति की जब्ती की अनुमति देने का भी अदालत से आग्रह किया है।
एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में पीएमएलए के तहत इन मामले में ताजा आरोपपत्र दायर किया था। इसमें ईडी ने सभी प्रवर्तकों पर धनशोधन एवं बैंक ऋण धोखाधड़ी के आरोप लगाये हैं।
खबरों के मुताबिक संदेसरा परिवार के लोग अभी नाइजीरिया में हैं, वहीं बताया जाता है कि पटेल अमेरिका में है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी उनके प्रत्यर्पण के लिए भी जल्द ही कदम उठाएगी।
अगस्त 2017 में स्टर्लिंग बायोटेक मामले में 3.80 करोड़ रुपये घूस दिए जाने की एफआईआर दर्ज की गयी।