आयुष्मान भारत योजनाः फर्जी कार्ड बनाकर 9.45 करोड़ रुपए का भुगतान, 7 अरेस्ट, चंद्रभान वर्मा ने बनाए हजारों...

By राजेंद्र कुमार | Updated: December 27, 2025 17:31 IST2025-12-27T17:29:36+5:302025-12-27T17:31:17+5:30

Ayushman Bharat Yojana: एसटीएफ ने इस मामले की जांच की तो चंद्रभान वर्मा को पकड़ा गया. चंद्रभान अपने साथियों के साथ मिलकर अपात्र लोगों के जाली आयुष्मान कार्ड बनवाता और इलाज के नाम पर उनसे रकम ऐंठता था.

Ayushman Bharat Yojana Rs 9-45 crore paid making fake cards recovered several hospitals 7 arrested Chandrabhan Verma made thousands fake cards | आयुष्मान भारत योजनाः फर्जी कार्ड बनाकर 9.45 करोड़ रुपए का भुगतान, 7 अरेस्ट, चंद्रभान वर्मा ने बनाए हजारों...

Ayushman Bharat Yojana

HighlightsAyushman Bharat Yojana: लोगों का इलाज करने वाले 5 निजी अस्पतालों की संबद्धता को निलंबित कर दिया गया है.Ayushman Bharat Yojana: विभाग के अकाउंट हैक करके 450 से अधिक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे. Ayushman Bharat Yojana: घोटाले का पता चला तो इस मामले की एफआईआर भी कराई गई.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में दो माह पूर्व आयुष्मान भारत योजना के फर्जी कार्ड बनाकर 9.45 करोड़ रुपए का भुगतान कई अस्पतालों से वसूले जाने का घोटाला पकड़ा गया था. इस मामले सूबे की एसटीएफ ने फर्जी आयुष्मान कार्ड के जरिए अस्पतालों से धन वसूलने वाले गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों ने दो हजार से अधिक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाए कर सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है.

आयुष्मान कार्ड का ब्योरा

यूपी में आयुष्मान कार्ड धारकों की संख्या : 5,42,13,534 

आयुष्मान योजना में  सूचीबद्ध अस्पताल : 5,901 

आयुष्मान योजना में में लोगों का हुआ इलाज : 74.4 लाख

अब तह लोगों के इलाज पर दिया गया खर्च : 12,283 करोड़ रुपए से अधिक।

इस गिरोह के सरगना चंद्रभान वर्मा ने कबूला है कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर लखनऊ के खरगापुर क्षेत्र में खोले गए अपने साइबर कैफे के जरिए फर्जी आयुष्मान कार्ड बना था. फिर इस कार्डों के जरिए सूबे के कुछ अस्पतालों में फर्जी कार्ड धारक व्यक्ति के इलाज के नाम पर सरकार के भुगतान ले लिया जाता था. लोगों का इलाज करने वाले 5 निजी अस्पतालों की संबद्धता को निलंबित कर दिया गया है.

पांच निजी अस्पतालों के खिलाफ हुई कार्रवाई

स्टेट एजेंसी फ़ॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) के अधिकारियों के अनुसार, विभाग के अकाउंट हैक करके 450 से अधिक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे. इन कार्ड के जरिए लोगों ने इलाज कराया और अस्पतालों ने इलाज करने का भुगतान भी लिया था. साचीज के अकाउंट से इस घोटाले का पता चला तो इस मामले की एफआईआर भी कराई गई.

एसटीएफ ने इस मामले की जांच की तो चंद्रभान वर्मा को पकड़ा गया. चंद्रभान अपने साथियों के साथ मिलकर अपात्र लोगों के जाली आयुष्मान कार्ड बनवाता और इलाज के नाम पर उनसे रकम ऐंठता था. एसटीएफ ने इनके कब्जे से बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, जाली दस्तावेज और नकदी बरामद हुई है.

कुछ निजी अस्पतालों के मालिकों से  भी इनकी मिलीभगत के सबूत एसटीएफ को लेंगे, जिसकी जानकारी साचीज के अधिकारियों को दी गई. तो  साचीज ने गुप्त तरीके से अस्पतालों की जांच कराई. जांच में प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाए गए पांच निजी अस्पतालों की संबद्धता को निलंबित कर दिया. जिन निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें एक अस्पताल बिजनौर और चार बरेली के हैं.

साचीज के अधिकारियों के अनुसार, इनमें बरेली के राधिका मैटरनिटी, मेट्रो विजन, उम्मीद हॉस्पिटल, अर्बन हॉस्पिटल और बिजनौर के कुंदन हास्पिटल में 25 से अधिक आयुष्मान फर्जी कार्ड बनाए जाने की जानकारी मिली थी. इन अस्पतालों में फर्जी कार्ड से फर्जी लाभार्थियों का इलाज करना सिखा गया था. इस तरह से सबूत मिलने पर इन पांचों अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया.

इन अस्पतालों के जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर इनकी संबद्धता को निलंबित कर दिया गया है.अब इन अस्पतालों के मामले को मेडिकल कमेटी के सामने रखा गया है. साचीज की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) पूजा यादव के मुताबिक निजी अस्पतालों के खिलाफ लगे आरोप साबित होने पर इन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.

आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों की होगी जांच

इस घोटाले से सबक लेते हुए अब प्रदेश में आयुष्मान योजना से जुड़े अस्पतालों के मानकों की होगी जांच कराने का फैसला लिया गया है. इसके लिए जनवरी में नया नया पोर्टल शुरू किया जाएगा. इस पोर्टल में  सभी अस्पतालों को अग्निशमन विभाग की एनओसी से लेकर मरीजों के लिए ओपीडी, भर्ती, इलाज, जांच, ऑपरेशन की सुविधा आदि की जानकारी को पोर्टल पर अपलोड करना होगा.

साचीज की टीम इन सुविधाओं की जांच करेगी और कमी पाए जाने पर अस्पतालों को उन्हें सुधारने के लिए कहा जाएगा. जो अस्पताल मानक पूरे नहीं करेगा, उसे निलंबित किया जाएगा. साचीज की एसीईओ पूजा यादव के अनुसार, इस नए पोर्टल के शुरू होने से आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग रुकेगा. वह यह भी बताता है कि आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में यूपी देश में सबसे अव्वल है.

प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5,42,13,534 का आयुष्मान कार्ड हुए जारी हो चुका है. इस कार्ड के जरिए परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाता है. सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भी यह सुविधा प्रदेश दी जा रही है. आयुष्मान योजना से प्रदेश के 5901 सरकारी व निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं. इस के तहत अब यूपी में  74.4 लाख लाभार्थियों के इलाज के मामले में 12,283 करोड़ रुपए से अधिक का क्लेम सेटल किया जा चुका है.

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