अरुणाचल प्रदेशः आवासीय स्कूल में 2019-2022 के बीच 6-15 वर्ष की आयु की 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न, कोर्ट ने शख्स को मौत की सजा दी, दो अन्य को 20-20 वर्ष सश्रम कारावास

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 26, 2024 18:02 IST2024-09-26T18:01:24+5:302024-09-26T18:02:08+5:30

Arunachal Pradesh: पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि सह-आरोपी मार्बोम गोमदिर हिंदी शिक्षक है, जबकि सिंगतुन योरपेन विद्यालय का पूर्व प्रधानाध्यापक है।

Arunachal Pradesh Sexual harassment 21 children including 15 girls aged 6-15 years school 2019-2022 court sentences man death two others get 20-20 years imprisonment | अरुणाचल प्रदेशः आवासीय स्कूल में 2019-2022 के बीच 6-15 वर्ष की आयु की 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न, कोर्ट ने शख्स को मौत की सजा दी, दो अन्य को 20-20 वर्ष सश्रम कारावास

सांकेतिक फोटो

Highlightsबच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6, 10 और 12 के तहत दोषी ठहराया गया।अधिकारों और कल्याण की रक्षा करने की सामूहिक जिम्मेदारी को मजबूत करता है।6 से 15 वर्ष की आयु की 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था।

ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश के यूपीया में एक विशेष पॉक्सो अदालत ने एक आवासीय स्कूल में 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में एक व्यक्ति को बृहस्पतिवार को मौत की सजा सुनाई। यूपीया के पश्चिमी सत्र संभाग के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) की अदालत ने मामले में संलिप्तता के लिए दो अन्य लोगों को भी 20-20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मुख्य आरोपी युमकेन बागरा शि-योमी जिले के कारो सरकारी आवासीय विद्यालय के छात्रावास का वार्डन था, जहां उसने 2019 से 2022 के बीच 6 से 15 वर्ष की आयु की 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था।

राजधानी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि सह-आरोपी मार्बोम गोमदिर हिंदी शिक्षक है, जबकि सिंगतुन योरपेन विद्यालय का पूर्व प्रधानाध्यापक है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बागरा को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 328 और 506 के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6, 10 और 12 के तहत दोषी ठहराया गया।

उसके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे मौत की सजा सुनाई गयी। सिंह ने कहा, “यह निर्णय न केवल तात्कालिक मुद्दे का समाधान करता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के बारे में व्यापक सामाजिक जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में भी कार्य करता है, तथा उनके अधिकारों और कल्याण की रक्षा करने की सामूहिक जिम्मेदारी को मजबूत करता है।”

आवासीय विद्यालय में यौन शोषण का मामला तब प्रकाश में आया जब दो बहनों ने पिछले साल दो नवंबर को अपने माता-पिता से इसकी शिकायत की। दो दिन बाद जिले के मोनीगोंग पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी। बागरा फरार था और पुलिस ने उसे पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार कर लिया था।

इस साल 21 जुलाई को गुवाहाटी उच्च न्यायालय की ईटानगर पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बागरा को दी गई जमानत रद्द कर दी थी। अदालत ने यूपीया के पॉक्सो अधिनियम मामलों के विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित जमानत आदेश सहित प्रासंगिक रिकॉर्ड की प्रतियां भी अपने पास मंगायी थीं।

Web Title: Arunachal Pradesh Sexual harassment 21 children including 15 girls aged 6-15 years school 2019-2022 court sentences man death two others get 20-20 years imprisonment

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