नई दिल्ली: केरल के कोल्लम इलाके बीते रविवार, 24 सितंबर को आई एक खबर ने सनसनी फैला दी थी। मामला सेना के एक जवान पर कथित तौर पर पीएफआई के सदस्यों द्वारा हमला करने और उसकी पीठ पर हरे रंग से 'पीएफआई' लिखने का था। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई। अब सामने आया है कि मामला झूठा था।
सेना के जवान, जिन्होंने दावा किया था कि अज्ञात बदमाशों ने उन पर हमला किया था और उनकी पीठ पर 'पीएफआई' लिखा था, को घटना के बारे में गलत बयान देने के आरोप में मंगलवार को हिरासत में ले लिया गया। सैनिक के अनुसार, कथित घटना केरल के कोल्लम क्षेत्र में रबर के जंगल में हुई थी।
इस मामले पर कोल्लम ग्रामीण के अतिरिक्त एसपी आर प्रतापन नायर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि सेना के जवान ने कडक्कल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और जांच के दौरान पता चला कि उनकी शिकायत झूठी थी। उसके आधार पर, उसे आज गिरफ्तार कर लिया गया और उसके एक दोस्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, सिपाही शाइन कुमार इस तरह के झूठे बयान देने के लिए कई कारण बता रहा है और उन्हें सत्यापित किया जाना है। मामले में सिपाही के दोस्त को भी गिरफ्तार किया गया है और उसके मुताबिक, इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया गया क्योंकि कुमार मशहूर होना चाहता था।
बता दें कि दक्षिणी केरल के कोल्लम जिले में भारतीय सेना के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) कोर में तैनात सैनिक शाइन कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, जब वह अपनी बाइक से लौट रहे थे तो उन्होंने अपने घर के पास कुछ लोगों को खड़े हुए देखा। शिकायत में कहा गया कि जब उन लोगों से पूछा गया कि वे वहां क्यों खड़े हैं, तो उन्होंने कहा कि पास के रबड़ बागान में कोई व्यक्ति नशे की हालत में पड़ा हुआ है और उन्होंने सैनिक से पूछा कि क्या वह उस व्यक्ति को जानते हैं।
सैनिक ने बताया कि वह उन लोगों के साथ रबड़ बागान चला गया और वहां पहुंचने पर किसी ने उन्हें पीछे से लात मारी और फिर हमलावरों ने उनके हाथ बांधकर पिटाई की। फिर उन्होंने हरे रंग से उनकी पीठ पर पीएफआई लिख दिया। पुलिस के अनुसार सैनिक को राजस्थान के जैसलमेर में अपनी यूनिट में लौटना था। जब जांच की गई तो पता चला कि मामला झूठा है।