चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में SIT ने 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की, 100 गवाह के पास होने का किया दावा
By अनिल शर्मा | Published: December 17, 2022 01:44 PM2022-12-17T13:44:51+5:302022-12-17T13:51:12+5:30
अंकिता के पिता ने आरोप लगाया है कि ‘‘मामले में अपराध के एक दिन बाद ही तत्काल सबूत नष्ट कर दिए गए। यहां तक कि रिजॉर्ट से सटी फैक्ट्री के कमरों, जहां आरोपी रहता था, में भी आग लगा दी गयी।
देहरादूनः उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में एसआईटी (SIT) ने करीब 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है। देहरादून के एडीजी वी. मुरुगेसन ने बताया कि चार्जशीट को न्यायालय भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारे पास 100 गवाह हैं। हमारी अन्य पूछताछ, नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट आदि पर जारी रहेगी।
गौरतलब है कि ऋषिकेश के निकट वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर में रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो अन्य कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रिजॉर्ट में एक 'वीआईपी' अतिथि को 'एक्स्ट्रा सर्विस' देने से अंकिता ने मना कर दिया था और इसी से उपजे विवाद के चलते उसकी हत्या की गयी। भाजपा के पूर्व नेता का पुत्र आर्य और दो अन्य आरोपी-अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर इस समय जेल में बंद हैं।
पिछले दिनों हत्या की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने की मांग को लेकर अंकिता के माता-पिता ने मंगलवार को ऋषिकेश में धरना दिया था। मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) पर दोषी को बचाने के दवाब में होने का आरोप लगाते हुए अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा था कि उन्हें वर्तमान विवेचना पर भरोसा नहीं है लेकिन मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अंकिता के लिए इंसाफ की मांग को लेकर सामाजिक संगठन 'युवा न्याय संघर्ष समिति' द्वारा ऋषिकेश में जारी आंदोलन में भंडारी ने अपनी पत्नी सहित हिस्सा लिया था और कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर भी बैठे।
अंकिता के पिता ने आरोप लगाया है कि ‘‘मामले में अपराध के एक दिन बाद ही तत्काल सबूत नष्ट कर दिए गए। यहां तक कि रिजॉर्ट से सटी फैक्ट्री के कमरों, जहां आरोपी रहता था, में भी आग लगा दी गयी। हमें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है।’’ उन्होंने सवाल उठाया कि जब सबूत ही नष्ट हो गए हैं तो दोषी को सख्त सजा कैसे मिलेगी ।