Angel Chakma Murder: त्रिपुरा के छात्र की हत्या में आया नया मोड़, उत्तराखंड पुलिस ने नस्लीय हमले से किया इनकार
By अंजली चौहान | Updated: December 30, 2025 10:21 IST2025-12-30T10:19:39+5:302025-12-30T10:21:36+5:30
Angel Chakma Murder: उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि 24 वर्षीय एंजेल चकमा की हत्या नस्लीय रूप से प्रेरित थी।

Angel Chakma Murder: त्रिपुरा के छात्र की हत्या में आया नया मोड़, उत्तराखंड पुलिस ने नस्लीय हमले से किया इनकार
Angel Chakma Murder: देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हमले के बाद मौत मामले में नया मोड़ आया है। उत्तराखंड पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि न्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चले कि देहरादून में 24 साल के त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या नस्लीय भेदभाव की वजह से हुई थी।
MBA के छात्र एंजेल चकमा की पिछले हफ़्ते मौत हो गई थी, जब 9 दिसंबर को देहरादून में बदमाशों के एक ग्रुप ने उन पर चाकू और दूसरी चीज़ों से हमला किया था।
इस दावे के बीच कि चकमा पर नस्लीय टिप्पणियां की गईं, जांच अधिकारी पीडी भट्ट ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "हमें अब तक इस घटना को नस्लवाद से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं मिला है। ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं है।"
इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि "मज़ाक में" की गई अपमानजनक टिप्पणियों से यह गलत धारणा बनी कि छात्र को निशाना बनाया जा रहा था।
देहरादून के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस अजय सिंह ने कहा, "यह नस्लवादी टिप्पणी की कैटेगरी में नहीं आता क्योंकि इस घटना में शामिल एक युवक भी उसी राज्य का रहने वाला है।"
अधिकारी ने कथित तौर पर हिंदी में कहा, "एक साथ बैठे लोगों के एक ग्रुप के बीच कुछ अपमानजनक टिप्पणियों का आदान-प्रदान हो रहा था, और किसी तरह यह धारणा बनी कि टिप्पणियां उनकी ओर निर्देशित थीं। इसी कन्फ्यूजन में झड़प हुई, और यह पूरी घटना उसी झड़प का नतीजा थी।"
There was no racial or ethnic angle to this incident. The individuals involved, including the accused, belong to Manipur, Nepal, and Uttarakhand, which rules out any targeting based on regional or racial identity. Available video footage clearly shows them gathered together… pic.twitter.com/EGjgmakAKE
— Maj Digvijay Singh Rawat, Kirti Chakra (@Dig_raw21) December 30, 2025
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भट्ट ने बताया कि चकमा पर एक शराब की दुकान के पास हमला हुआ था, जहां मणिपुर का आरोपी सूरज अपने बेटे का जन्मदिन मना रहा था।
चकमा और उनके भाई माइकल ने भी उसी दुकान से शराब खरीदी थी। भट्ट ने कहा, "दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई, जो बाद में बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप चकमा की मौत हो गई।" माइकल ने बताया कि वे 9 दिसंबर को किराने का सामान खरीदने निकले थे, जब नशे में धुत लोगों के एक ग्रुप ने लड़ाई शुरू कर दी, नस्लीय टिप्पणियां कीं और चकमा को चाकू मार दिया। इस घटना के सिलसिले में पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उनमें से दो आरोपी नाबालिग हैं और उन्हें जुवेनाइल रिफॉर्म होम भेज दिया गया है। भट्ट ने कहा कि यह साफ नहीं है कि चकमा को किसने चाकू मारा।
एंजेल चकमा की मौत 26 दिसंबर को हुई। वह 24 साल के थे।
भट्ट ने कहा, "गिरफ्तार किए गए लोग दावा कर रहे हैं कि फरार आरोपी ने पीड़ित को चाकू मारा। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि असल में चाकू किसने मारा था।" उन्होंने आगे कहा कि किसी भी आरोपी का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है और आगे की जांच जारी है।