आरुषि हत्याकांड: हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे CBI जज, कहा- फैसले में सुधार हो
By पल्लवी कुमारी | Published: February 9, 2018 04:27 PM2018-02-09T16:27:31+5:302018-02-09T16:51:29+5:30
ट्रायल कोर्ट के जज श्यामलाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में सुधार होना चाहिए।
देश का सबसे बहुचर्चित आरुषि तलवार हत्याकांड मामले एक और नया मोड़ आ गया है। आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले सीबीआई कोर्ट के जज श्यामलाल अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। जज श्यामलाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में सुधार होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट द्वारा अपने खिलाफ की गई तीखी टिप्पणियों को हटाने की भी मांग की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से सीबीआई कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए उस पर विरोधाभास जताया था और सबूतों के अभाव में कोर्ट ने तलवार दंपति को बरी कर दिया था। कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले पर सवाल उटाते हुए जज की कानूनी समझ पर उंगली उठाया था। कोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई के ट्रायल जज की कानूनी जिम्मेदारियों से अनभिज्ञ होने की बात भी कही थी।
बता दें कि 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि हत्याकांड पर सजा काट रहे राजेश और नूपुर तलवार को सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया था। 16 अक्टूबर 2017 को उन्हें गाजियाबाद के डासना जेल से छोड़ दिया गया था।
क्या था पूरा मामला
आरुषि और हेमराज हत्याकांड में देश की सबसे बड़ी मिस्ट्री केस में से एक है। नोएडा के सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में डेंटिस्ट डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नुपूर तलवार अपनी 14 साल की बेटी आरुषि तलवार के साथ रहते थे। आरुषि नौवीं की छात्रा थी। 16 मई 2008 की रात को उनके घर में आरुषि का मर्डर हो गया। जिसका शक उनके नौकर हेमराज पर गया लेकिन बाद में हेमराज का शव भी छत से मिला। इस मर्डर केस पर किताब से लेकर फिल्म तक बनाई गई लेकिन हत्या की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है।