नई दिल्ली, 6 जून: भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे स्पिन गेंदबाज हुए हैं जिन्होंने अपने-अपने दौर में छाप छोड़ी है। बात चाहे बिशन सिंह बेदी की हो या फिर अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की, ये सभी बेहद कामयाब साबित हुए हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारतीय क्रिकेट के उस गेंदबाज के बारे में जिसने अपने छोटे से करियर में भी काफी प्रभावित किया। हालांकि, उनका करियर बहुत ज्यादा लंबा नहीं चल सका। दरअसल, हम बात बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाज सुनील जोशी की कर रहे हैं।
कर्नाटक के गाडग में 6 जून, 1970 को जन्में सुनील जोशी आज अपना 48वां बर्थडे मना रहे हैं। सुनील ने अपने करियर में 69 वनडे मैचों में 69 विकेट झटके और 584 रन बनाए। वहीं, उन्होंने 15 टेस्ट मैचों में 41 विकेट लिए और 352 रन बनाए। इस अच्छे प्रदर्शन से बावजूद सुनील का करियर लंबा नहीं चल पाया। अपने इस पूरे करियर में सुनील ने कुछ मौकों पर बेहद अच्छे प्रदर्शन किए। खासकर एक मौका ऐसा आया जिसे अब भी फैंस नहीं भूले हैं। (और पढ़ें- शाहरुख का बड़ा फैन है ये अफगानी फास्ट बॉलर, कहा- 'ब्लास्ट होते रहेंगे, हमें क्रिकेट पर ध्यान देने की जरूरत')
सुनील ने जब 6 रन देकर झटके पांच विकेट
साल-1999 में केन्या के नैरोबी में हुए एलजी कप के दूसरे मैच में सुनील जोशी ने ये कमाल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था। इस सीरीज में केन्या, दक्षिण अफ्रीका और भारत के अलावा जिम्बॉब्वे की टीम ने हिस्सा लिया था।
इसी टूर्नामेंट के दूसरे मैच में भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से होना था। टॉस दक्षिण अफ्रीका ने जीता और पहले बैटिंग का फैसला किया। हालांकि, सुनील जोशी और निखिल चोपड़ा की दमदार गेंदबाजी के सामने दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम 48 ओवरों में 117 पर सिमट गई। जैक्स कैलिस ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाए। कप्तान हैंसी क्रोन्ये केवल 2 रन बनाकर आउट हुए। (और पढ़ें- जब जडेजा को इस हरकत के लिए दक्षिण अफ्रीका में घूंसा मारना चाहते थे रोहित शर्मा)
सुनील ने इस मैच में 10 ओवरों में 6 रन देकर पांच विकेट झटके। इस मैच में उन्होंने 6 ओवर मेडल डाले। निखिल ने 26 रन देकर तीन विकेट हासिल किए।
सुनील जोशी ने इस मैच में 0.60 की इकॉनमी से रन दिए और ये तब तीसरी सबसे बेहतरीन इकॉनमी रेट थी। इससे पहले बिशेन सिंह बेदी ने 1975 के वर्ल्ड कप में 12 ओवर में 8 रन देकर 6 विकेट झटके थे और उनका इकॉनमी रेट 0.50 का है। बिशन ने वो कमाल हालांकि कमजोर टीम ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ किया था। वहीं, अनिल कुंबले ने 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 12 रन देकर 6 विकेट झटके थे।
बहरहाल, एलजी कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के सामने आसान लक्ष्य था और इसे टीम इंडिया ने केवल 2 विकेट खोकर 23वें ओवर में हासिल कर लिया। हालांकि, निराशाजनक बात ये रही कि दक्षिण अफ्रीका ने इस करारी हार का बदला इसी टूर्नामेंट के फाइनल में ले लिया। दक्षिण अफ्रीका ने फाइनल में 26 रनों से जीत हासिल कर टूर्नामेंट जीता। (और पढ़ें- रमजान में बर्थडे केक काट आलोचकों के निशाने पर आए वकार यूनिस-वसीम अकरम, मांगी माफी)