World Cup: टीम इंडिया ये खिलाड़ी वर्ल्ड कप में कर चुके हैं नंबर 4 पर बल्लेबाजी, जानें किस खिलाड़ी का है कैसा रिकॉर्ड

भारत जब 2011 में दूसरी बार विश्व चैंपियन बना तो विराट कोहली और युवराज सिंह ने बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार पर अहम भूमिका निभाई थी।

By भाषा | Published: May 15, 2019 11:47 AM2019-05-15T11:47:58+5:302019-05-15T11:47:58+5:30

These Players played on number 4 in World cup for Team India from 1975 to 2015 | World Cup: टीम इंडिया ये खिलाड़ी वर्ल्ड कप में कर चुके हैं नंबर 4 पर बल्लेबाजी, जानें किस खिलाड़ी का है कैसा रिकॉर्ड

सचिन से लेकर रहाणे तक अनुभवी बल्लेबाज संभालते रहे हैं विश्व कप में नंबर चार की जिम्मेदारी

googleNewsNext
Highlightsविश्व कप में नंबर चार कौन बल्लेबाज उतरेगा यह टीम चयन के बाद से ही चर्चा का विषय बना हुआ है।चयनकर्ताओं ने विजय शंकर को इस स्थान के लिए चुना, लेकिन वह आईपीएल में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए।

नई दिल्ली, 15 मई। भारत जब 2011 में दूसरी बार विश्व चैंपियन बना तो विराट कोहली और युवराज सिंह ने बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार पर अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन अब आठ साल बाद विश्व कप से ठीक पहले भारतीय टीम मध्यक्रम के इस महत्वपूर्ण स्थान को लेकर उहापोह में है जिस पर कभी सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी चमक बिखेरी थी। भारत की तरफ से 30 मई से ब्रिटेन में होने वाले विश्व कप में नंबर चार कौन बल्लेबाज उतरेगा यह टीम चयन के बाद से ही चर्चा का विषय बना हुआ है।

नंबर चार के लिए दावेदारों में हैं ये चार खिलाड़ी

चयनकर्ताओं ने विजय शंकर को इस स्थान के लिए चुना, लेकिन वह आईपीएल में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए। केएल राहुल ने अच्छी फॉर्म में दिखाकर अपना दावा मजबूत किया है, जबकि दिनेश कार्तिक और एमएस धोनी को भी इस स्थान पर भेजा जा सकता है। इनमें से शंकर, राहुल और कार्तिक को विश्व कप का अनुभव नहीं है। धोनी तीन विश्व कप में खेले हैं, लेकिन वह केवल एक बार 2007 में नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिए उतरे, जिसमें उन्होंने 29 रन बनाए थे।

2011 में इन खिलाड़ियों ने नंबर 4 पर की थी बल्लेबाजी

तो क्या कोहली तीसरे नंबर के बजाय चौथे नंबर पर उतरना पसंद करेंगे? आखिर विश्व कप 2011 में वह इस भूमिका में खरे उतरे थे। वर्तमान भारतीय कप्तान तब पांच मैचों में नंबर चार पर उतरे थे, जिनमें उन्होंने एक शतक की मदद से 202 रन बनाए थे। युवराज ने भी दो मैचों में इस स्थान की जिम्मेदारी संभाली थी, जिसमें बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने एक शतक की मदद से 171 रन बनाए थे।

1983 वर्ल्ड कप में इन्होंने की 4 नंबर पर बल्लेबाजी

भारत जब 1983 में विश्व चैंपियन बना था तब यशपाल शर्मा (तीन मैचों में 112 रन) और संदीप पाटिल (तीन मैचों में 87 रन) ने नंबर चार पर उपयोगी योगदान दिया था। दिलीप वेंगसरकर दो मैचों में इस स्थान पर उतरे थे जिसमें उन्होंने 37 रन बनाये थे।

सचिन ने नंबर चार पर की है 12 मैचों में बल्लेबाजी

वेंगसरकर 1987 में पांच मैचों में नंबर चार बल्लेबाज के रूप में खेले थे जिसमें उनके नाम पर 171 रन दर्ज है। पहले दो विश्व कप में गुंडप्पा विश्वनाथ (कुल छह मैचों में 145 रन) ने यह भूमिका बखूबी निभाई थी, जबकि 1992 में तेंदुलकर (सात मैच में 229 रन) के लिए यह नंबर तय था। तेंदुलकर ने विश्व कप में भारत की तरफ से नंबर चार पर सर्वाधिक 12 मैच खेले हैं जिनमें उनके नाम पर 400 रन दर्ज है। उनके बाद मोहम्मद अजहरूद्दीन (नौ मैचों में 238 रन) का नंबर आता है। वह 1996 में छह मैचों में नंबर चार पर उतरे थे, लेकिन नाबाद 72 रन की एक पारी के अलावा कोई कमाल नहीं दिखा पाए थे।

इंग्लैंड में इन खिलाड़ियों ने की है नंबर चार पर बल्लेबाजी

इंग्लैंड में पिछला विश्व कप 1999 में खेला गया था और तब अजय जडेजा (तीन मैचों में 182 रन), तेंदुलकर (तीन मैचों में 164 रन) और अजहर (दो मैचों में 31 रन) ने इस नंबर की जिम्मेदारी संभाली थी। इसके चार साल बाद दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप में मोहम्मद कैफ सर्वाधिक छह मैचों में नंबर चार पर उतरे थे जिसमें उन्होंने 142 रन बनाए। उनके अलावा राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, युवराज और नयन मोंगिया को भी इस स्थान पर आजमाया गया था।

2015 में रैना और रहाणे को मिला था नंबर चार पर मौका

कोहली ने विश्व कप 2011 के बाद नंबर तीन पर अच्छी जिम्मेदारी निभाई और यही वजह है कि विश्व कप 2015 में अजिंक्य रहाणे सात मैचों में इस स्थान पर बल्लेबाजी के लिए उतरे, जिसमें उन्होंने 208 रन बनाए। एक मैच में सुरेश रैना ने यह जिम्मेदारी संभाली और 74 रन की पारी खेली। ये दोनों इस समय विश्व कप टीम में नहीं हैं।

Open in app