सौरव गांगुली ने खोला राज, सचिन ने कैसे उनके डेब्यू टेस्ट में की थी मदद!

Sourav ganguly: सौरव गांगुली ने बताया है कि कैसे 1996 में उनके पहले टेस्ट में सचिन ने की थी उनकी मदद

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: March 2, 2018 08:17 IST2018-03-02T08:17:04+5:302018-03-02T08:17:04+5:30

Sourav ganguly Reveals how Sachin Tendulkar helped him during 1996 Lord's test | सौरव गांगुली ने खोला राज, सचिन ने कैसे उनके डेब्यू टेस्ट में की थी मदद!

सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के साथ काफी क्रिकेट खेले। गांगुली ने अपनी आने वाली आत्मकथा 'अ सेंचुरी इस नॉट एनफ' में अपने करियर के कई रहस्यों का खुलासा किया है। गांगुली ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में सचिन को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। गांगुली ने बताया है कि कैसे सचिन ने 1996 में लॉर्ड्स उनके (गांगुली) डेब्यू टेस्ट में मदद की थी। 

गांगुली ने कहा, 'ये मेरे पहले टेस्ट में हुआ, मैं टी के समय 100 पर बैटिंग कर रहा था।' मैं छह घंटे बैटिंग करने के बाद जल्दी से आया। मेरे बैट का हैंडल चटक गया था। मैं पैड पहने हुए थे और मुझे एक चाय का कप दिया गया। टी बहुत कम समय..15 मिनट की होती है। मैं अपने बैट के हैंडल पर टेप लगाने की कोशिश कर रहा था। तब वह (सचिन) मेरे पास आए और कहा, तुम आराम करो और अपनी चाय खत्म करो क्योंकि तुम्हें बैटिंग के लिए जाना है, मैं ये काम कर दूंगा।'

गांगुली ने भारत के लिए अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच नवंबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। बारत ने उस मैच में जीत हासिल की थी। नागपुर में खेले गए उस टेस्ट की पहली पारी में गांगुली ने शतक जड़ा था। उस मैच में जब भारत जीत के करीब पहुंचा तो कुछ देर के लिए धोनी ने उन्हें कप्तानी सौंप दी थी। गांगुली ने इसका जिक्र अपनी आत्मकथा में किया है। (पढ़ें: माही पर सौरव गांगुली का बयान, 'काश, धोनी मेरी 2003 की वर्ल्ड कप टीम में होते')

धोनी ने अपना डेब्यू 2004 में गांगुली की कप्तानी में ही किया था। गांगुली ने धोनी की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें नंबर-3 पर बैटिंग के लिए भेजा। जिसके बाद फिर धोनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। गांगुली ने अपनी आत्मकथा में धोनी की प्रतिभा की तारीफ की है और लिखा है, 'काश, धोनी मेरी 2003 की वर्ल्ड कप टीम में होते। मुझे बताया गया था कि जब हम 2003 का वर्ल्ड कप फाइनल खेल रहे थे तो वह भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्टर थे, अविश्वसनीय!' (पढ़ें: लॉर्ड्स की बालकनी में टीशर्ट लहराने के 16 साल बाद सौरव गांगुली ने कहा, 'उस घटना पर अफसोस है')

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