Highlightsरिपोर्ट के मुताबिक, ऋषभ पंत आईसीयू से बाहर आ गए हैं।उनके घुटने, पैर के अंगूठे और टखने में चोट कितनी है, इसका अभी पता नहीं चला है।पंत की कार 30 दिसंबर को सड़क के डिवाइडर से टकरा गई।
देहरादूनः डीडीसीए के निदेशक श्याम शर्मा ने कहा कि क्रिकेटर ऋषभ पंत को आगे के इलाज के लिए आज मुंबई स्थानांतरित किया जाएगा। समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने ये जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषभ पंत आईसीयू से बाहर आ गए हैं, लेकिन उनके घुटने, पैर के अंगूठे और टखने में चोट कितनी है, इसका अभी पता नहीं चला है क्योंकि वह अभी भी एमआरआई स्कैन कराने के लिए फिट नहीं हैं।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘ऋषभ को उनकी लिगामेंट चोटों के उपचार के लिए मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा और वहीं आगे के उपचार पर फैसला होगा। उनके बीसीसीआई से सूचीबद्ध प्रसिद्ध खेल ऑर्थोपेडिक डॉ दिनशॉ परदीवाला की देखरेख में रहने की उम्मीद है। अगर सर्जरी की सलाह दी जाती है तो फैसला किया जाएगा कि यह ब्रिटेन में होगी या अमेरिका में।’’
25 वर्षीय पंत एक भयानक कार दुर्घटना में बाल-बाल बच गए जब वह दिल्ली से अपने गृहनगर रुड़की जा रहे थे लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर नियंत्रण खो बैठे और उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई। ऋषभ पंत के मुताबिक वह कार की खिड़की तोड़कर बाहर निकले और लोगों से मदद मांगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पंत के माथे पर चोट के निशान थे, पीठ में गंभीर चोट के साथ-साथ उनके घुटने और टखने में चोट लगी।
अधिकांश चोटें हल्की थी लेकिन टखने और घुटने की चोट चिंताजनक है जिसके लिए मैक्स, देहरादून में इलाज चल रहा है। हालांकि बीसीसीआई से एक केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर होने के कारण उनकी चोट का इलाज बोर्ड का विशेषाधिकार है। उनके घायल घुटने और टखने का एमआरआई नहीं किया जा सका क्योंकि काफी सूजन थी।
हालांकि यह समझा जाता है कि केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर के लिए किसी भी खेल संबंधी चोट का उपचार बीसीसीआई के तय डॉक्टरों द्वारा किया जाएगा और डॉ नितिन पटेल के नेतृत्व में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में खेल और चिकित्सा विज्ञान टीम की देखरेख में रिहैबिलिटेशन होगा।
मालूम हो कि रुड़की में तत्काल आपातकालीन देखभाल के बाद, पंत को देहरादून के मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां वह वर्तमान में एक निजी वार्ड में एडमिट हैं। बीसीसीआई ने अपने डॉक्टरों का एक पैनल बनाया है जो देहरादून अस्पताल के डॉक्टरों के संपर्क में है। उपचार की रेखा दोनों पैनलों द्वारा एकसमान रूप से निर्धारित की जा रही है।