वीरेंद्र सहवाग ने डीडीसीए से दिया इस्तीफा, बताया यह बड़ा कारण

Virender Sehwag Resigned from DDCA Committee: वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि उन्होंने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के सर्वश्रेष्ठ हितों को ध्यान में रखते हुए संस्था की क्रिकेट समिति से इस्तीफा दिया।

By भाषा | Published: September 17, 2018 04:01 PM2018-09-17T16:01:06+5:302018-09-17T16:06:28+5:30

Resigned from DDCA committee in best interest of Delhi cricket, says Virender Sehwag | वीरेंद्र सहवाग ने डीडीसीए से दिया इस्तीफा, बताया यह बड़ा कारण

वीरेंद्र सहवाग ने डीडीसीए से दिया इस्तीफा

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नई दिल्ली, 17 सितंबर। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने सोमवार को कहा कि उन्होंने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सर्वश्रेष्ठ हितों को ध्यान में रखते हुए संस्था की क्रिकेट समिति से इस्तीफा दिया। सहवाग के अलावा समिति के अन्य सदस्यों आकाश चोपड़ा और राहुल संघवी ने गेंदबाजी कोच के रूप में मनोज प्रभाकर को बरकरार रखने की सिफारिश की थी लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिली।

अभी यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या यह सहवाग के इस्तीफा देने का कारण था। हालांकि डीडीसीए सूत्रों के अनुसार इन तीनों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, क्योंकि राज्य संस्था को अगले दो दिन में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार नया संविधान सौंपना है जिसके बाद नई समितियों के गठन की जरूरत होगी।

सहवाग से जब यह पूछा गया कि क्या प्रभाकर की नियुक्त नहीं होने के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया तो इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘हम सब एक साथ आए और अपना समय और प्रयास दिया जिससे कि क्रिकेट समिति के रूप में अपनी भूमिका के दायरे में दिल्ली क्रिकेट के सुधार में मदद और योगदान दे सकें।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि दिल्ली क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित में हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हम तीनों अपने दैनिक जीवन के व्यस्त कार्यक्रम के कारण डीडीसीए की क्रिकेट समिति के काम को आगे जारी नहीं रख पाएंगे।’’ 

माना जा रहा है कि कप्तान गौतम गंभीर प्रभाकर की नियुक्ति के खिलाफ थे क्योंकि उनका नाम वर्ष 2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण में आया था।

डीडीसीए के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘गौतम हमेशा इस सिद्धांत पर चला है कि वह दिल्ली के ड्रेसिंग रूम में ऐसे व्यक्ति को नहीं चाहता जो मैच फिक्सिंग या किसी अन्य तरह से गलत काम से किसी भी तरह जुड़ा रहा हो।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि यह कहना गलत होगा कि सहवाग और गंभीर के बीच इस मुद्दे को लेकर मतभेद थे क्योंकि कप्तान पैनल के विशेष आमंत्रित सदस्य थे।’’ 

अधिकारी ने कहा, ‘‘नए संविधान को स्वीकार किए जाने के बाद सहवाग हितों के टकराव नियम के दायरे में आ जाते क्योंकि वह डीडीसीए अध्यक्ष के चैनल में विशेषज्ञ हैं। इसी तरह सिंघवी मुंबई इंडियन्स से जुड़े हैं। इसलिए उन्हें पता था कि उन्हें जाना पड़ेगा।’’

जब यह पूछा गया कि 2007-08 सत्र में जब प्रभाकर गेंदबाजी कोच थे और दिल्ली ने रणजी ट्राफी खिताब जीता और फिर पिछले साल उन्होंने विरोध क्यों नहीं किया तो गंभीर के करीबी माने जाने वाले इस अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों ही मामलों में किसी ने गंभीर की नहीं सुनी। अगर आप 2016 सत्र को देखें तो अजय जडेजा को कोच नियुक्त किया गया और कप्तान के रूप में उसे पीछे हटना पड़ा। वह किसी ऐसे ड्रेसिंग रूम का हिस्सा नहीं रहा जिसमें कथित मैच फिक्सर शामिल रहा हो।

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