भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान 41 साल के हो गए हैं। टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाजों में शामिल जहीर खान क्रिकेटर बनने से पहले इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन वो इंजीनियरिंग छोड़कर गेंदबाज बने और दुनियाभर के बल्लेबाजों को अपनी घातक गेंदबाजी से डराया।
जहीर खान का जन्म 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। जहीर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई श्रीरामपुर के हिंद सेवा मंडल न्यू मराठी प्राइमरी स्कूल और फिर केजे सोमैया सेकेंड्री स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद जहीर ने बीटेक में एडमिशन लिया, हालांकि क्रिकेट के प्रति भी उनकी दीवानगी थी।
जहीर की क्रिकेट को लेकर दीवानगी को देखते हुए उनके पिता ने उनसे कहा कि बेटा देश में इंजीनियर तो बहुत हैं तुम तेज गेंदबाज ही बनो। इसके बाद जहीर के पिता उन्हें मुंबई ले आए और जूनियर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।
जहीर की गेंदबाजी को देखकर एमआरएफ पेस फाउंडेशन के टीए शेखर काफी प्रभावित हुए और उन्होंने जहीर को चेन्नई बुलाया। शेखर ने ही जहीर की गेंदबाजी को निखारा। शिवाजी पार्क जिमखाना के खिलाफ फाइनल में 7 विकेट लेकर ने जहीर खान ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। जिसके बाद उनका सेलेक्शन मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में हुआ।
जहीर खान को अक्टूबर 2000 में पहली बार केन्या के खिलाफ भारत की वनडे टीम में जगह मिली और पहले ही मैच में उन्होंने तीन विकेट लेकर धमाल मचा दिया। इसके बाद नवंबर 2000 में जहीर को टेस्ट टीम में भी शामिल कर लिया गया और उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट खेला।
जहीर ने अपने करियर में 92 टे्ट मैच खेले और 311 विकेट अपने नाम किया। वनडे क्रिकेट की बात करें तो उन्होंने 200 वनडे मैचों में टीम इंडिया की ओर से गेंदबाजी की और 282 विकेट अपने नाम किया। जहीर ने भारत की ओर से 17 इंटरनेशनल टी20 मैच भी खेला और 17 विकेट अपने नाम किया।
जहीर खान ने साल 2011 में टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 21 विकेट झटके थे। इस टूर्नामेंट में वे पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे।