इंडियन प्रीमियर लीग के लिए आलोचना कोई नई बात नहीं है। 2008 में लीग के पहले सीजन के बाद टी20 प्रारूप के लोकप्रिय होने के बाद से ही इसकी आलोचना भी जारी रही है। लेकिन समय के साथ, कई लोगों ने टूर्नामेंट के खेल की आत्मा से भटकने के लिए इसे खारिज भी किया है।
पूर्व भारतीय कप्तान और खेल के दिग्गज सुनील गावस्कर ने आईपीएल की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लिया है।
गावस्कर ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'वे (आलोचक) केवल पैसे के पहलू को देखते हैं जो कि आईपीएल में है। आईपीएल क्या करता है, वे इस पर गौर नहीं करते हैं। मुझे लगता है कि यह सब ईर्ष्या को बढ़ाता है। केवल वे जो इससे लाभ नहीं उठाते हैं, जिन्हें आईपीएल से कुछ नहीं नहीं मिलता है वही इसकी आलोचना करते हैं।'
गावस्कर ने IPL को बताया 'कुटीर उद्योग'
उन्होंने एक कुटीर उद्योग बनाने के लिए आईपीएल की सराहना की जो अब टूर्नामेंट के आसपास बनाया गया है।
गावस्कर ने कहा, 'ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी आजीविका आईपीएल की वजह से है। यह वे लोग हो सकते हैं जो मैदान में हैं, जो लोगों के चेहरे को रंगते हैं, जो वे शर्ट ना रहे हैं जो मैच से ठीक पहले स्टेडियम के बाहर बेचे जाते हैं, या विक्रेता जिनके पास स्टेडियम में खाने के स्टॉल हैं। आईपीएल के आसपास एक कुटीर उद्योग है।'
पूर्व भारतीय कप्तान ने यह भी कहा कि आईपीएल को अक्सर केवल इसलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि यह एक 'सॉफ्ट टारगेट' है। उन्होंने सोशल मीडिया पर खेल की आलोचना करने वालों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, 'कोई व्यक्ति इंटरनेट पर थोड़ा प्रसिद्ध होना चाहता है, तो वह आईपीएल को निशाना बना सकता है। आईपीएल एक आसान लक्ष्य है।'
सुनील गावस्कर ने 'खेल के हित' के लिए बोलने का दावा करने वालों को भी फटकार लगाते हुए पूछा कि वे फैसला करने वाले कौन हैं।
सनी ने कहा, 'आइपीएल का विरोध करने वाले लोगों का एक तर्क है कि हम भारतीय क्रिकेट को जानते हैं और हम भारतीय क्रिकेट की भलाई के बारे में सोच रहे हैं। ओह, अब समझा, आप ही वही हैं जो निर्णय लेने वाले हैं और हमें बता रहे हैं कि भारतीय क्रिकेट के लिए क्या अच्छा है?' बिल्कुल भी नहीं।'