शेन वॉर्न बर्थडे: 1998 का वो दौर जब इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज को सपने में दिखने लगे थे सचिन के छक्के!

ऑस्ट्रेलिया की टीम 1997/98 के सीजन में भारत के दौरे पर आई। क्रिकेट की दुनिया में तब वॉर्न हर ओर चर्चा बटोर रहे थे।

By विनीत कुमार | Published: September 13, 2018 07:29 AM2018-09-13T07:29:46+5:302018-09-13T07:29:46+5:30

when shane warne admitted of nightmares of sachin hitting six over the head | शेन वॉर्न बर्थडे: 1998 का वो दौर जब इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज को सपने में दिखने लगे थे सचिन के छक्के!

शेन वॉर्न और सचिन तेंदुलकर

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नई दिल्ली, 13 सितंबर:शेन वॉर्न का जिक्र आते ही 1992-93 की वो एशेज सीरीज याद आ जाती है जब इस ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' फेंकी थी। इंग्लैंड की सरजमीं पर वॉर्न ने जो कमाल किया था, उसने उनके क्रिकेट के करियर को बदल दिया। हालांकि, ऐसा भी नहीं कि वॉर्न केवल उस एक गेंद के जाने जाते हैं। वॉर्न ने खुद को साबित भी किया है। आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे वॉर्न ने कई ऐसे कमाल किया हैं जो उन्हें दुनिया के सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाजों में शामिल करता है। 

अपने करियर में 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट लेने वाले वॉर्न दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उनसे आगे श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन हैं। मुरलीधन ने 133 मैचों में रिकॉर्ड 800 विकेट झटके। बहरहाल, हम आपको वॉर्न की वो कहानी बता रहे हैं जब सचिन के सामने आकर इस दिग्गज की धार जैसे लगभग कुंद हो गई थी। 

सचिन ने वॉर्न के खिलाफ कुछ ऐसी लाजवाब पारियां खेली जिसके बाद इस दिग्गज को कहना पड़ा कि सचिन उनके सपनों में भी आते हैं और ऐसा लगता है कि उनके सिर के ऊपर से छक्का लगा रहे हैं। वॉर्न ने हालांकि, अपने इस बयान के करीब 12 साल बाद 2010 में कहा कि सपने में छक्के वाला बयान उन्होंने मजाक में कहा था। 

वॉर्न को सपने में दिखने लगे जब सचिन

ऑस्ट्रेलिया की टीम 1997/98 के सीजन में भारत के दौरे पर आई। क्रिकेट की दुनिया में तब वॉर्न हर ओर चर्चा बटोर रहे थे। तब कहा ये जाता था कि वॉर्न 'शीशे' पर भी गेंद को स्पिन कराने की क्षमता रखते हैं। जानकार मान कर चल रहे थे कि भारत की जमीन पर वॉर्न बेहत खतरनाक नजर आयेंगे।हालांकि, वॉर्न उस समय की रणजी चैम्पियन मुंबई के खिलाफ पहले ही अभ्यास मैच में फ्लॉप रहे। सचिन ने उस अभ्यास मैच में 204 रनों की पारी खेली और वॉर्न ने 16 ओवरों की गेंदबाजी में 111 रन लुटाते हुए केवल एक विकेट झटका।

बहरहाल, तीन मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू हुई और पहले मैच में मैच भारत ने 179 रनों की जीत हासिल की। इस मैच की पहली पारी में वॉर्न ने सचिन का शिकार किया लेकिन दूसरी पारी में मास्टर ब्लास्टर ने 155 रनों की नाबाद पारी खेली। दूसरा मैच भारत ने एक पारी और 219 रनों से जीता और वॉर्न कोई विकेट हासिल नहीं कर सके। तीसरा मैच ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीता लेकिन वॉर्न सचिन को परेशान नहीं कर सके। सचिन ने पहली पारी में शतक (177) और दूसरी पारी में 31 रन बनाये। दोनों ही बार सचिन तेंदुलकर वॉर्न के शिकार नहीं हुए। भारत ने सीरीज जीती और अब बारी शारजाह में ट्राई-सीरीज की थी।

शारजाह में सचिन ने खत्म किया वॉर्न का करिश्मा!

यह ट्राई सीरीज भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेली गई थी। इस ट्राई सीरीज में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल समेत तीन मैच खेलने का मौका मिला। दिलचस्प ये रहा कि तीनों मैचों में वॉर्न को केवल एक सफलता मिली।

भारत के खिलाफ फाइनल में तो वॉर्न ने 10 ओवरों में 61 रन दे दिये। सचिन ने इस मुकाबले में 131 गेंदों पर 134 रनों की पारी खेली और भारत को चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। सचिन ने अपनी इस पारी में तीन छक्के और 12 चौके लगाये।

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