टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का बयान, 'दुनिया के सामने विराट कोहली का सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है'

Greg Chappell: भारतीय टीम के पूर्व कोच रहे ग्रेग चैपल ने कहा है कि विराट कोहली का सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 05, 2018 1:27 PM

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नई दिल्ली, 05 सितंबर: पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान और टीम इंडिया के कोच रहे ग्रेग चैपल ने कहा है कि अभी दुनिया को विराट कोहली का सर्वश्रेष्ठ देखना बाकी है। चैपल ने कहा है कि खुद पर यकीन विराट की सफलता की कुंजी है और उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। 

अभी विराट कोहली इंग्लैंड के दौरे पर हैं, जहां उनकी कप्तानी में टीम इंडिया चौथे टेस्ट में 60 रन से हार के साथ ही पांच मैचों की सीरीज 1-3 से गंवा चुकी है। लेकिन कोहली अब तक दो शतकों और तीन अर्धशतकों की मदद से 544 रन बनाकर इस सीरीज में दोनों देशों की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजी की लिस्ट में टॉप पर हैं। कोहली के बाद दूसरे नंबर पर 260 रन बनाकर जोस बटलर है, जो दिखाता है कि इस सीरीज में कोहली और बाकी के बल्लेबाजों के बीच कितना अंतर रहा है।

विराट कोहली 2014 में इंग्लैंड के पिछले दौरे पर बुरी तरह नाकाम रहे थे और 10 पारियों में सिर्फ 134 रन बना सके थे और अभी दुनिया के नंबर एक रैंकिंग वाले बल्लेबाज हैं। लेकिन चैपल का मानना है कि कोहली अभी और बेहतर हो सकते हैं। उन्होंने क्रिकेटनेक्स्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'इन मुश्किल परिस्थितियों में कामयाब होने के लिए जरूरी मानसिक क्षमता और भावनात्मक क्षमता के साथ-साथ कोहली में शारीरिक प्रतिभा भी है।'

चैपल ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि विराट की तुलना में कामयाब होने के लिए बहुत से लोग हैं। उनमें असली इच्छा है। जो चीज उन्हें आगे ले जाती है वह ज्यादातर लोगों की क्षमता से परे है। मुझे लगता है कि हमने अभी उनका सर्वश्रेष्ठ नहीं देखा है।' 2005 से 2007 तक टीम इंडिया के कोच रहे ग्रेग चैपल ने 2008 में भारतीय अंडर-19 टीम के लिए खेल रहे विराट कोहली के खुद पर पहले प्रभाव के बारे में कहा कि तब वह एक 'आक्रामक युवा थे।' चैपल ने कहा, 'उस समय वह निश्चित तौर पर एक अच्छी संभावना थे। संभवत: एक आक्रामक युवा खिलाड़ी। लेकिन मेरा मानना है कि अगर आपको चैंपियन बनना है तो आपमें थोड़ा सा यह (आक्रामकता) होना ही चाहिए।' उन्होंने कहा, 'अगर आप खुद पर भरोसा नहीं करते हैं, तो आपके लिए उच्चतम स्तर तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। उन्हें (कोहली) हमेशा ही खुद पर जबर्दस्त भरोसा था, जो बहुत महत्वपूर्ण था।'

इस साल इंग्लैंड में कोहली की सफलता उस विश्वास का उदाहरण है। चैपल ने कहा, 'इंग्लैंड के इस दौर पर उन्होंने जो किया है वह असाधारण है। कई लोगों ने इस बात पर संदेह जताया था कि वह इन परिस्थितियों में कामयाब हो सकते हैं। मेरा ख्याल है उन्हें (कोहली) को इस बात पर संदेह नहीं था या अगर उन्हें था भी तो, वह इस पर विजय पाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थे।'   चैपल ने कहा, 'इस दौरे पर उनकी (कोहली) बैटिंग बहुत ही जबर्दस्त रही है। ट्रेंट ब्रिज टेस्ट की पहली पारी में जब तीन विकेट गिर चुके थे तो रहाणे के साथ उनकी साझेदारी लाजवाब थी।'

चैपल ने कहा, 'इतिहास में अब तक सिर्फ एक ही टीम 0-2 से पिछड़ने के बाद वापसी कर पाई है (ऑस्ट्रेलिया vs इंग्लैंड, 1936-37)। इसलिए उस ड्रेसिंग रूम में जहां आपको कराररी शिकस्त मिली हो, तेजी से वापसी कर पाना मुश्किल होता है। लेकिन मैं जानता हूं कि निजी तौर पर वह ऐसा कर पाने में सक्षम थे। लेकिन वह दूसरों को ऐसा करने में कैसे मदद कर सकते हैं, यही असल चुनौती है।'

चैपल ने ये भी कहा कि कोहली ने उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया है और सचिन तेंदुलकर की भी कुछ उपलब्धियों को हासिल किया है। उन्होंने कहा, 'उन्होंने किसी ने जितनी उम्मीद की होगी शायद उससे बढ़कर हासिल किया है।' 

चैपल ने कहा, टसचिन के बाद, ज्यादातर लोगों को लगा कि यही शिखर है, लेकिन खेल हमेशा ही किसी ऐसे को ला खड़ा करता है जो अतीत में चैपियन खिलाड़ियों की उपलब्धियों से बढ़कर हासिल कर सकता है।'

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