हर रात रोती थीं और दोस्त-परिवार के सामने भावनाओं को छुपाती?, भीगी पलकों के साथ जेमिमा रौड्रिग्स ने कहा-मुझे अच्छा खेलना था और ईश्वर सब ठीक करेंगे, वीडियो

भारत ने रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करके सात बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया को हराकर दूसरी बार महिला विश्व कप फाइनल में जगह बनाई और इस जीत की गाथा लिखी जेमिमा ने।

By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 31, 2025 12:32 IST2025-10-31T12:08:10+5:302025-10-31T12:32:48+5:30

watch ind vs aus wc 2025 Jemimah Rodrigues says cried every day not able perform mentally moist eyes play well God everything alright, Video | हर रात रोती थीं और दोस्त-परिवार के सामने भावनाओं को छुपाती?, भीगी पलकों के साथ जेमिमा रौड्रिग्स ने कहा-मुझे अच्छा खेलना था और ईश्वर सब ठीक करेंगे, वीडियो

photo-bcci

Highlights 2022 विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया, तो ज़िंदगी मानो एक मोड़ पर आ गई।जेमिमा के लिए करियर की शुरुआत में सब कुछ आसान था।18 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू करना हर किसी के बस की बात नहीं होती।

नवी मुंबईः जेमिमा रौड्रिग्स की कहानी कुछ अलग है। आखिरकार कर दिखाया। घर में फैंस के सामने अलग अंदाज में टीम को जीत दिलाई। असंभव को संभव कर दिया। 18 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। अगर राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना एक बात है, तो टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए कौशल और मानसिक मज़बूती बनाए रखना दूसरी बात है। जेमिमा के लिए करियर की शुरुआत में सब कुछ आसान था, लेकिन जब उन्हें 2022 विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया, तो ज़िंदगी मानो एक मोड़ पर आ गई।

   

इससे उन्हें बहुत गहरा सदमा लगा, इतना कि "वह लगभग हर रात रोती थीं और दोस्तों और परिवार के सामने अपनी भावनाओं को छुपाती थीं"। थोड़े समय के मानसिक विराम के बाद जेमिमा ने अपना ध्यान उस चीज़ पर केंद्रित किया, जिससे उन्हें सबसे ज़्यादा प्यार है। और क्या क्रिकेट के अलावा। उन्होंने अपने स्थानीय कोचों के साथ काम किया, मुंबई के मैदानों में गईं और अपनी ज़िद पर अड़ी रहीं।

रौड्रिग्स के बल्ले से रन निकलते रहे और एक ऐसी पारी उन्होंने खेल डाली जो क्रिकेट की किवदंतियों में शुमार हो जायेगी। जीत के बाद उनके जज्बात का सैलाब भी रुक नहीं सका। जेमिमा ने अपने शतक पर जश्न नहीं मनाया। उनके चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी के आंसू विजयी शॉट लगाने के बाद ही नजर आए।

मैच खत्म होने के बाद एक क्षण को वह जड़वत खड़ी रही। दूधिया रोशनी में उनकी आंखों की नमी साफ नजर आ रही थी। यह मैच जिताने वाला शतक ही नहीं था बल्कि जिम्मेदारी निभाने का भाव भी इसमे समाहित था। ईसामसीह पर अगाध आस्था रखने वाली जेमिमा ने विश्व कप के नॉकआउट मैच के इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक खेली।

मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए जेमिमा ने कहा,‘आखिर में बस मैं बाइबिल में लिखी हुई वह बात याद कर रही थी कि चुपचाप खड़े रहो और खुदा मेरे लिये लड़ेगा।’ इस मैच से पहले तक अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाने के लिये आलोचना झेल रही मुंबई की जेमिमा ने विश्व रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए 127 रन की पारी खेली।

भीगी पलकों के साथ उन्होंने कहा ,‘इस टूर्नामेंट में हर दिन मैं रोई हूं। मानसिक रूप से अच्छा नहीं कर पा रही थी। मुझे पता था कि मुझे अच्छा खेलना है और ईश्वर सब ठीक करेंगे। शुरुआत में सिर्फ खेलती गई और खुद से बाते करती रही।’ ईश्वर में अटूट आस्था रखने वाले परिवार से आई जेमिमा ने कहा ,‘मैं बस खड़ी रही और वह मेरे लिये लड़े।

मेरे भीतर बहुत कुछ चल रहा था लेकिन मैंने संयम बनाये रखने की कोशिश की। मैं ईसामसीह को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं खुद यह नहीं कर सकती थी।’ उन्होंने वीआईपी दीर्घा में बैठे अपने परिवार की ओर हवा में चुंबन दिया। अपने पिता और कोच इवान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा ,‘मैं अपनी मां, पिता और कोच और मुझ पर भरोसा रखने वाले हर इंसान को धन्यवाद देना चाहती हूं।

यह महीना काफी कठिन था और यह सपने जैसा लग रहा है। दीप्ति लगातार मेरी हौसलाअफजाई करती रही। रिचा आई और मुझे उठा लिया।’ जेमिमा ने कहा ,‘मेरे साथी खिलाड़ी मेरा हौसला बढ़ाते रहे। मैं इस पारी का श्रेय नहीं ले सकती। मैंने खुद कुछ नहीं किया। दर्शकों में से हर एक ने मेरी हौसलाअफजाई की और हर रन पर मेरा उत्साह बढ़ाया।’

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